सवर्णो को आरक्षण ऐतिहासिक निर्णय : शांता कुमार
कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने देश में आर्थिक आधार पर स्वर्ण जातियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से लिए आरक्षण के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए सत्तर वर्षों की कमी को पूरा करने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि गरीबी जात-पात नहीं पूछती है, सभी जातियों में अति गरीब परिवार भी हैं। यह दुर्भाग्य की बात है कि
संवाद सहयोगी, पालमपुर : सांसद शांता कुमार ने सवर्ण जातियों के लिए आर्थिक आधार आरक्षण को केंद्र सरकार को ऐतिहासिक निर्णय करार दिया है। उन्होंने इसे 70 साल की कमी को पूरा करने वाला निर्णय बताया। शांता ने कहा कि गरीबी जात-पात नहीं पूछती है। सभी जातियों में अति गरीब परिवार भी हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 70 साल बाद भी देश में 20 करोड़ लोग भूखे सोते हैं।
दिल्ली से जारी बयान में शांता कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश में भुखमरी समाप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री के 'सब का साथ सबका विकास' कार्यक्रम में सवर्ण जातियों के गरीब पिछड़ रहे थे। यह 10 प्रतिशत आरक्षण इन जातियों को राहत देगा। उन्होंने बताया कि चार दशक पहले जब वह हिमाचल के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने अंत्योदय योजना के माध्यम से हिमाचल में आर्थिक आधार पर आरक्षण की कोशिश की थी। प्रथम चरण में 20 हजार परिवार चुने गए थे। इनमें सभी जातियों के अति गरीब लोग थे। इन गरीब परिवारों में 40 प्रतिशत परिवार एक साल में ही गरीबी रेखा से ऊपर उठ गए थे।