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रोगी के प्रति प्रेम व सेवाभाव रखें

पालमपुर स्थित हिमालयन प्राकृतिक चिकत्सा एवंयोग शोध संस्थ ानए कायाकल्प मेंदो दिवसीय पेश ीय विकारों के सम्बंध मेंआयुवेर्द एवंयोग के योगदान के आलोक में

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 09:52 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 09:52 PM (IST)
रोगी के प्रति प्रेम व सेवाभाव रखें
रोगी के प्रति प्रेम व सेवाभाव रखें

संवाद सहयोगी, पालमपुर : पालमपुर स्थित हिमालयन प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग संस्थान कायाकल्प में मांसपेशी विकार की संगोष्ठी रविवार को संपन्न हुई। संगोष्ठी में देशभर के 50 आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने भाग लिया। संगोष्ठी के दूसरे दिन डॉ. सत्येंद्र ओझा ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को रोगों के निदान व बचाव के उपाय बताए।

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डॉक्टर ओझा ने चिकित्सकों को रोगी के प्रति सेवा एवं प्रेम का भाव अपनाने का संदेश दिया। इससे पूर्व डॉ. गोपाकुमार नेपेश ने रोगों के आयुर्वेदिक दृष्टिकोण को चिकित्सकों के समक्ष रखा। साथ ही प्राकृतिक चिकित्सीय पंचकर्म एवं योग की सम्मिलित चिकित्सा पर बल दिया। घुटने, गर्दन, पीठ के दर्द, गठिया रोग में आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा न्यूनतम खर्च में अधिकतम परिणाम पर विस्तार से चर्चा की गई। संगोष्ठी में 14 शोध पत्र पढ़े गए। साथ ही प्रश्नों के उत्तरों के जरिए चर्चा भी की गई। इसमें लक्ष्मी को सर्वश्रेष्ठ पत्र पढ़ने पर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी के समापन पर कायाकल्प के प्रशासक डॉ. आशुतोष गुलेरी ने कहा कि कायाकल्प आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा। समाज को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करना विवेकानंद ट्रस्ट का मुख्य ध्येय है। डॉ. गुलेरी ने संगोष्ठी के आयोजन के लिए अध्यक्ष व सांसद शांता कुमार का धन्यवाद किया।


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