अप्रैल अंत में होंगी सेकेंड टर्म परीक्षाएं
नई शिक्षा नीति के तहत तीसरी पांचवीं आठवीं व नौवीं से जमा दो की सेकेंड टर्म परीक्षा अप्रैल अंत में होगी।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नई शिक्षा नीति के तहत तीसरी, पांचवीं, आठवीं व नौवीं से जमा दो कक्षाओं के वर्ष के दो बार पेपर करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। इसके तहत फर्स्ट टर्म में कुछ पाठ्यक्रम का 50 फीसद से पेपर आएगा, जबकि सेकेंड टर्म पर अगले 50 फीसद से पेपर आएगा। जो भाग फर्स्ट टर्म में कवर कर लिया जाएगा, उस भाग से प्रश्न सेकेंड टर्म में नहीं आएंगे।
स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार सोनी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि फर्स्ट टर्म का परिणाम सार्वजनिक तौर पर घोषित नहीं किया जाएगा, बल्कि स्कूल के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जाएगा। नए नियमों के अनुसार यह शर्त नहीं रखी गई है कि जो फर्स्ट टर्म में पास नहीं हो पाया, वह उसे सेकेंड टर्म में प्रवेश नहीं मिलेगा, जबकि वार्षिक परिणाम दोनों टर्म के अंकों का जोड़ करने के बाद ही घोषित होगा।
छात्रों को हर टर्म में कम से कम 17-17 अंक लेना अनिवार्य होंगे, लेकिन अगर किसी बच्चे में फर्स्ट टर्म में 17 से कम अंक हैं तो सेकेंड टर्म में वह अधिक अंक लेकर कुल 34 अंक बना सकता है और पास हो सकता है। नवंबर में फर्स्ट टर्म होने के बाद अप्रैल अंत तक सेकेंड टर्म की परीक्षाएं होंगी।
बोर्ड की ओर जारी किए गया प्रारूप अभी फाइलन नहीं किया गया है। इस प्रारूप को लेकर शिक्षक संघों से बैठक की जाएगी और उनके सुझावों के अनुसार बदलाव भी किया जा सकता है। इन प्रारूप को तैयार करने के लिए बोर्ड करीब 12 बैठकें करेगा और 120 विषय विशेषज्ञों की सुझाव लिए हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, शिक्षा मंत्री गोविद ठाकुर व पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के उपाध्यक्ष को भी इस बैठकों में शामिल किया गया था।
उन्होंने कहा कि टर्म प्रणाली केवल नियमित विद्यार्थियों के लिए लागू होगी। राज्य मुक्त विद्यालय के तहत अध्ययनरत परीक्षार्थियों पर यह नियम लागू नहीं होगा। उन्हें पुरानी प्रणाली के तहत ही परीक्षाएं देनी होंगी। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के तहत घोषित बोर्ड परीक्षाओं की परिणामों के असंतुष्ट व अनूपुरक परीक्षाओं का परिणाम अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह तक घोषित कर दिया जाएगा। उसके साथ बोर्ड सत्र के मेधावी छात्रों की मेरिट सूची भी घोषित करेगा।
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तीसरे, पांचवीं व आठवीं की परीक्षाओं का शिक्षकों पर होगा जिम्मा
तीसरी, पांचवीं व आठवीं कक्षा की भी दो टर्म में परीक्षाएं होंगी, लेकिन इसमें शिक्षा बोर्ड से ज्यादा शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी। शिक्षक अपने स्तर पर दोनों टर्मों के लिए प्रश्नपत्र सेट करेंगे और आकलन करके परिणाम तैयार करेंगे। परिणाम तैयार होने के बाद उसे शिक्षा बोर्ड के पास भेजा जाएगा और शिक्षा बोर्ड इन कक्षाओं का परिणाम घोषित करेगा।