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एसडीएम कांगड़ा ने संघर्ष समिति समेत किया भराहिया दा लाहड़ का दौरा, हवाई अड्डा की संभावना तलाशी

SDM Visit Bharaiyan da Lahad एसडीएम कांगड़ा ने भराहिया दा लाहड़ व बोड़ क्‍वालू में एयरपोर्ट की संभावनाओं को तलाशा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 02:27 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 04:15 PM (IST)
एसडीएम कांगड़ा ने संघर्ष समिति समेत किया भराहिया दा लाहड़ का दौरा, हवाई अड्डा की संभावना तलाशी
एसडीएम कांगड़ा ने संघर्ष समिति समेत किया भराहिया दा लाहड़ का दौरा, हवाई अड्डा की संभावना तलाशी

गगल, जेएनएन। एसडीएम कांगड़ा ने भराहिया दा लाहड़ व बोड़ क्‍वालू में एयरपोर्ट की संभावनाओं को तलाशा। दरअसल, एयरपोर्ट विस्तारीकरण के विरोध में बनाई गई संयुक्त संघर्ष समिति ने इस जगह का प्रशासन को सुझाव दिया था। इस पर एसडीएम ने राजस्‍व विभाग के अधिकारियों व अन्‍य टीम के साथ मौके का रुख किया। हालांकि, यहां हवाई अड्डा निर्माण की कितनी संभावनाएं हैं, यह तकनीकी टीम ही बता पाएगी। लेकिन प्रशासन ने संघर्ष समिति के आग्रह पर निरीक्षण की पहल कर दी है।

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एसडीएम कांगड़ा जतिन लाल ने संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ उपरोक्त भूमि का दौरा किया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष कुलभाष चौधरी तथा गगल पंचायत के प्रधान रविंद्र बाबा भी एसडीएम के साथ मौजूद रहे। एसडीएम ने कहा वह इस भूमि की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम बुलाकर उनकी रिपोर्ट लेंगे। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर आगे कार्रवाई की जाएगी।

गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डा विस्‍तार से करीब 900 परिवार विस्‍थापित होने की जद में हैं। इस कारण लोग हवाई अड्डा विस्‍तारीकरण का कतई विरोध कर रहे हैं। सरकार की योजना हवाई अड्डा पट्टी की लंबाई 3110 मीटर करने की है। जबकि गगल के लोग मांझी खड्ड से आगे विस्‍तार न करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार की ओर से विस्‍थापितों को उचित मुआवजा दिए जाने का भी भरोसा दिलाया गया है। लेकिन बावजूद इसके लोग मानने को तैयार नहीं हैं।

स्‍थानीय नेता भी हवाई अड्डा विस्‍तार के पक्ष में हैं। हालांंकि, कुछ राजनीतिक कारणाें से  विरोध  भी  कर रहे हैं। लेकिन खुल कर सामने नहीं आ रहे, क्‍योंकि हवाई अड्डा विस्‍तारीकरण से क्षेत्र को काफी लाभ भी होगा। बयानबाजी करने वाले नेता भी संघर्ष समिति के निशाने पर हैं। रविवार को बैठक कर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने इन नेताओं को कड़ा संदेश दिया था। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने नेताओं को वस्‍तु‍ स्थिति देखने के लिए मौके पर आने की भी सलाह दी थी।


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