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सबकी जिम्मेदारी, तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं शुरू करने का फैसला सराहनीय

School Reopen In Himachal हिमाचल प्रदेश में तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं शुरू करने का फैसला सराहनीय है लेकिन सभी पक्षों को सजग रहना होगा। अधिक समय तक शिक्षण संस्थानों को बंद भी नहीं रखा जा सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 04:18 PM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 04:18 PM (IST)
सबकी जिम्मेदारी, तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं शुरू करने का फैसला सराहनीय
हर पक्ष अपने स्तर पर महामारी से बचाव के उपाय करेगा तो संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।

कांगड़ा, राज्य ब्यूरो। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण प्रभावित हुई गतिविधियां अब पटरी पर लौट रही हैं। शिक्षण संस्थान काफी समय तक बंद रहे हैं। धीरे-धीरे इन्हें खोला जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी शिक्षण संस्थान बंद रहने के कारण आनलाइन पढ़ाई जारी रखी गई, लेकिन जो पढ़ाई कक्षा में आमने-सामने करवाई जाती है, वह किसी विकल्प से नहीं हो सकती है। इसका एक कारण बच्चों का अन्य किसी भी विकल्प के तहत पढ़ाई के लिए अभ्यस्त न होना है।

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आनलाइन पढ़ाई भी प्रदेश के सभी क्षेत्रों में संभव नहीं हो पा रही है क्योंकि कई क्षेत्रों में मोबाइल फोन का नेटवर्क ही नहीं है। कई क्षेत्रों में तो बच्चों ने घर से दूर पहाड़ी पर जाकर भी आनलाइन कक्षाएं लगाई हैं। कुछ समय पहले प्रदेश में कालेज व स्कूलों में आठवीं से जमा दो तक की कक्षाएं शुरू की गई थीं। अब हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने 10 नवंबर से तीसरी से सातवीं तक की कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया है।

15 नवंबर से पहली व दूसरी कक्षाएं भी शुरू करने का निर्णय लिया गया है। निस्संदेह यह सराहनीय फैसला है लेकिन शिक्षकों व अभिभावकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए सभी पक्षों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। शिक्षकों व अभिभावकों के साथ बच्चों का स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना आवश्यक है। शिक्षा विभाग को भी विशेष इंतजाम करने होंगे। यह सही है कि शिक्षा विभाग अपने स्तर पर सुरक्षा के बेहतर इंतजाम करेगा लेकिन स्वयंसेवी संस्थाओं के अलावा स्थानीय स्तर पर सक्रिय संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी सक्रिय होना होगा।

किसी शिक्षण संस्थान में किसी तरह की कमी प्रतीत होती है तो उसे इन संस्थाओं को दूर करने के प्रयास करने होंगे। स्कूल प्रबंधन समितियों को भी सक्रिय रहना होगा। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अभी तक कोरोना का खतरा टला नहीं है। प्रदेश में हर दिन कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। अधिक समय तक शिक्षण संस्थानों को बंद भी नहीं रखा जा सकता है। इसलिए हर पक्ष अपने स्तर पर महामारी से बचाव के उपाय करेगा तो संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है।


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