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मंडी में स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय में लाखों का गड़बड़झाला, विजिलेंस ने की बड़ी कार्रवाई

स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय मंडी में जुर्माना राशि के नाम पर लाखों रुपये का गड़बड़झाला हुआ है। जुर्माना राशि की एवज में लाइसेंस धारकों को कोषागार की फर्जी रसीदें दी गई ह

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:04 PM (IST)
मंडी में स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय में लाखों का गड़बड़झाला, विजिलेंस ने की बड़ी कार्रवाई
मंडी में स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय में लाखों का गड़बड़झाला, विजिलेंस ने की बड़ी कार्रवाई

मंडी, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय मंडी में जुर्माना राशि के नाम पर लाखों रुपये का गड़बड़झाला हुआ है। जुर्माना राशि की एवज में लाइसेंस धारकों को कोषागार की फर्जी रसीदें दी गई हैं। कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस गड़बड़झाले को अस्पताल मार्ग स्थित एक साइबर कैफे के संचालक के साथ मिलकर अंजाम दिया। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय व साइबर कैफे का रिकॉर्ड, कंप्यूटर, लैपटॉप व फर्जी रसीदें कब्जे में ले लिया है। विजिलेंस थाना मंडी में आरोपित साइबर कैफे संचालक नीरज कुमार व विभाग के पूर्व अधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी व साजिश रचने का मामला दर्ज किया है।

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विजिलेंस ने बुधवार को साइबर कैफे मालिक नीरज कुमार से कई घंटे पूछताछ की। स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय खाद्य सुरक्षा से संबंधित लाइसेंस बनाने का काम करता है। लाइसेंस एक व पांच साल के लिए बनते हैं। इसमें खाद्य उत्पादों का कारोबार करने वाले सभी कारोबारी आते हैं। लाइसेंस बनाने की फीस 500 से 10,000 रुपये तक है। उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी मंडी डॉ. देवेंद्र शर्मा का कहना है मामला संज्ञान में आया है। जांच के आदेश दिए गए हैं।

ऐसे लगाया सरकार व कारोबारियों को चूना

जिलेभर में हजारों की संख्या में खाद्य लाइसेंस बने हैं। कई कारोबारी समय पर अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करवा पाए। विभागीय अधिकारियों ने ऐसे लोगों को चिन्हित कर औचक निरीक्षण किया। इसमें मीट विक्रेता से लेकर फ्लोर मिल तक शामिल हैं। ऐसे लोगों को 10 से 15 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया गया। उन्हें जुर्माना राशि कोषागार के अकाउंट में ऑनलाइन जमा करवाने के निर्देश दिए गए। यहां लोगों से पैसे नकद लिए गए। कोषागर की रसीद भी प्रिंट कर दी गई, मगर रसीद में इस बात का जिक्र नहीं किया गया जुर्माना राशि किसने भरी। सॉफ्टवेयर पर फर्जी रसीदें बना जुर्माना राशि साइबर कैफे मालिक की मिलीभगत से अधिकारियों की जेब में जाती रही। विजिलेंस अब कार्यालय व साइबर कैफे का रिकॉर्ड खंगाल रही है। कितने लाइसेंस धारकों को जुर्माना लगाया गया था इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

जुर्माना राशि जमा करवाने के नाम पर स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय मंडी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इस कार्य को साइबर कैफे के मालिक के साथ मिलकर अंजाम दिया गया है। रिकार्ड व कंप्यूटर कब्जे में लिए गए हैं। -कुलभूषण वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजिलेंस मंडी


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