सहेजा बारिश का पानी, अब उगा रहे सब्जी
मंडी के कोटली निवासी डा. हरीश बहल ने घर में 11000 लीटर की क्षमता का वर्षा जलसंग्रहण टैंक बनाया। अब इस पानी से इस्तेमाल सब्जी उत्पादन के लिए कर रहे हैं। डा. हरीश वर्षा जलसंग्रहण प्रणाली पर तीन साल पहले 1.25 लाख रुपये व्यय किए हैं।
मुकेश मेहरा, मंडी। जल है तो कल है के महत्व को मंडी के कोटली निवासी डा. हरीश बहल ने समझा। घर में 11000 लीटर की क्षमता का वर्षा जलसंग्रहण टैंक बनाया। अब इस पानी से इस्तेमाल सब्जी उत्पादन के लिए कर रहे हैं। डा. हरीश बहल ने घर में वर्षा जलसंग्रहण प्रणाली पर तीन साल पहले 1.25 लाख रुपये व्यय किए हैं। फिल्टर तकनीक का भी इस्तेमाल किया है। पानी फिल्टर होकर टैंक में पहुंचता है। इसका प्रयोग खेतों, फुलबारी व घर के अन्य कामों में होता है।
डा. हरीश बहल ने बताया कि गांव में पेयजल की दिक्कत नहीं है, लेकिन सिंचाई सुविधा नहीं है। घर के आसपास निजी भूमि है। जब अपने घर का निर्माण करवाया तो उसी समय सोचा था कि सिंचाई व्यवस्था के लिए अलग से टैंक बनाएंगे। फिर बारिश के पानी को सहेजने की योजना बनाई। वर्षा जलसंग्रहण टैंक के लिए 20 प्रतिशत सब्सिडी मिली और मनरेगा मजदूरों ने इसमें कार्य किया। अब घर की छत से बारिश का पानी इस टैंक में एकत्र होता है। टैंक में पहुंचने से पहले पानी को फिल्टर करने के लिए दो पड़ाव बनाए हैं। छत से पानी पाइप में आता है तो यह फिल्टर में पहुंचता है। इसमें रेत, बजरी डाली गई है। इसके बाद पानी जमीन पर बनाए गए भंडारण टैंक में जाता है। अब उनकी योजना 11000 लीटर की क्षमता का एक और टैंक बनाने की है।
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पंचायत में तीन वर्षा जलसंग्रहण टैंक बनाए गए हैं। डा. हरीश बहल ने अपने घर में ऐसा टैंक बनवाया है। अब अन्य लोग भी वर्षा जलसंग्रहण टैंक बनवाने में रुचि दिखाने लगे हैं। करीब 25 और आवेदन वर्षा जलसंग्रहण टैंक बनवाने के लिए आए थे।
-अच्छरी देवी, पूर्व प्रधान साई पंचायत।