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एक से 10 हजार रुपये तक बढ़ेगा कर्मचारियों व अधिकारियों का वेतन

करीब पौने तीन लाख कर्मचारियों व डेढ़ लाख पेंशनधारकों के लिए छह फीसद महंगाई भत्ते (डीए) की घोषणा की गई है। डीए पहली जुलाई 2021 से दिया जाएगा। औसतन एक कर्मचारी का एक हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये और अधिकारियों का 10 हजार रुपये तक वेतन बढ़ेगा।

By Vijay BhushanEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 10:10 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 10:10 PM (IST)
एक से 10 हजार रुपये तक बढ़ेगा कर्मचारियों व अधिकारियों का वेतन
महंगाई भत्ते से एक से 10 हजार बढ़ेगा वेतन। प्रतीकात्मक

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनधारकों को उनके हक से वंचित नहीं रखा है। प्रदेश के करीब पौने तीन लाख कर्मचारियों व डेढ़ लाख पेंशनधारकों के लिए छह फीसद महंगाई भत्ते (डीए) की घोषणा की गई है। डीए पहली जुलाई 2021 से दिया जाएगा। डीए से औसतन एक कर्मचारी का एक हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये और अधिकारियों का 10 हजार रुपये तक वेतन बढ़ेगा।

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डीए देने से प्रदेश सरकार के खजाने पर सालाना 450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। डीए का लाभ केवल नियमित कर्मचारियों, अधिकारियों व अखिल भारतीय सेवाओं से जुड़े अधिकारियों को ही मिलता है। अनुबंध व अस्थायी कर्मियों को डीए का लाभ नहीं मिलता है। केंद्र ने डीए की तीन किस्तें फ्रीज कर दी थीं। ऐसा कोरोना महामारी के कारण हुआ था। डीए की घोषणा का अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने स्वागत किया है। संघ ने इस घोषणा के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल के बावजूद सरकार हर वर्ग को राहत दे रही है। जैसे ही केंद्र ने डीए बहाल किया, हिमाचल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सीमित आर्थिक संसाधन होते हुए भी छह फीसद डीए देने का एलान किया। उन्होंने सरकार ने मांग की है कि वह जल्द संयुक्त समन्वय समिति की बैठक बुलाएं। इस बैठक में कर्मचारियों के अहम मामलों पर फैसला होना है।

राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ खफा है। उसने डीए को नाकाफी बताया है। राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा कि कुल 35 फीसद डीए देय था। इसमें से केवल छह फीसद डीए दिया गया है। ऐसे में कर्मचारी क्यों खुश होंगे। उन्होंने अनुबंध कर्मियों को तीन के बजाय दो साल में नियमित करने की घोषणा न करने पर भी रोष जताया।


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