देश के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी की मौत की अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करेगा प्रशासन
Shyam Saran Negi देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी की मौत की एक बार फिर से झूठी सूचना इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी गई। अब प्रशासन इस मामले पर कड़ा संज्ञान ले रहा है। किन्नौर जिला प्रशासन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है।
रिकांगपिओ, संवाद सहयोगी। Shyam Saran Negi, देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी की मौत की एक बार फिर से झूठी सूचना इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी गई। अब प्रशासन इस मामले पर कड़ा संज्ञान ले रहा है। किन्नौर जिला प्रशासन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा श्याम सरन नेगी के बारे में झूठी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन इस संबंध में एफआइआर दर्ज करवाने की तैयारी कर रहा है।
बुधवार देर रात को यह अफवाह फैली तो इंटरनेट मीडिया पर एकाएक ये संदेश वायरल होने लगे। कई लोगों ने तो श्याम सरन नेगी को श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया। इस दौरान भी प्रशासन ने तुरंत बयान जारी किया कि श्याम सरन नेगी पूरी तरह से स्वस्थ हैं व झूठी अफवाहों पर ध्यान न दें।
इससे पूर्व 18 नवंबर को भी इंटरनेट मीडिया पर मास्टर नेगी के बारे में झूठी सूचना वायरल हुई थी। बार बार देश के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी के मृत्यु होने की झूठी सूचना को इंटरनेट मीडिया पर फैलाने को लेकर प्रशासन ने अब कड़ा संज्ञान लिया है।
किन्नौर जिला के कल्पा के रहने वाले 104 वर्षीय श्याम सरन नेगी को देश के प्रथम मतदाता होने का गौरव प्राप्त है तथा उन्हें चुनाव आयोग द्वारा 2014 के आम चुनाव के दौरान उन्हें ब्रांड अंबेसडर भी बनाया गया था। श्याम सरन नेगी लगातार चाहे लोकसभा चुनाव या विधानसभा का चुनाव हो या पंचायती राज के चुनाव हों, हर बार अपना कीमती वोट देते आ रहे हैं। अक्टूबर में मंडी संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनाव में भी उन्होंने मतदान किया था। उनके लिए मतदान केंद्र पर रेड कारपेट बिछा था।
जाानिए किस तरह बने प्रथम मतदाता
देश की आजादी के बाद फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के कारण पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए। चुनाव के समय श्याम सरन नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी। उन्हें मतदान का काफी उत्साह था। उनकी ड्यूटी शौंगठोंग से मूरंग तक थी, जबकि उनका वोट कल्पा में था, इसलिए उन्होंने सुबह मतदान कर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। वह सुबह मतदान स्थल पर पहुंच गए, लेकिन छह बजकर 15 मिनट पर मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची। नेगी ने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया, पार्टी ने रजिस्टर खोलकर उन्हें पर्ची दी। मतदान करते ही इतिहास बन गया और श्याम सरन नेगी आजाद भारत के प्रथम मतदाता बन गए।