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रोहतांग सुरंग कार्य अंतिम चरण में, दिसंबर तक शुरू हो जाएगी वाहनों की आवाजाही kullu News

लेह-लद्दाख की सीमा पर बैठे प्रहरियों तक पहुंचना अब आसान हो जाएगा। साथ ही लाहुल घाटी भी साल भर मनाली से जुड़ी रहेगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 04:32 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 04:32 PM (IST)
रोहतांग सुरंग कार्य अंतिम चरण में, दिसंबर तक शुरू हो जाएगी वाहनों की आवाजाही kullu News
रोहतांग सुरंग कार्य अंतिम चरण में, दिसंबर तक शुरू हो जाएगी वाहनों की आवाजाही kullu News

मनाली, जेएनएन। लेह-लद्दाख की सीमा पर बैठे प्रहरियों तक पहुंचना अब आसान हो जाएगा। साथ ही लाहुल घाटी भी साल भर मनाली से जुड़ी रहेगी। समुद्रतल से करीब साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर बन रही विश्व की सबसे लंबी रोहतांग सुरंग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सभी परिस्थितियां ठीक रहीं तो इसी साल दिसंबर में सुरंग बनकर तैयार हो जाएगी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस टनल को दिसंबर, 2019 में यातायात के लिए खोला जा सकता है।

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ऐसे में सदियों से सर्दी में बर्फ में कैद होने वाले लाहुल घाटी के लोगों को आजादी मिल जाएगी। यह सुरंग पीरपंजाल की पहाडिय़ों को भेदकर बनाई गई है। 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग लाहुल के लोगों सहित भारतीय सेना के लिए मील का पत्थर साबित होगी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में रोहतांग सुरंग को बनाने वाली सड़क का शिलान्यास किया था, जबकि जून 2010 में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रोहतांग सुरंग का शिलान्यास किया था। निर्धारित लक्ष्य से पांच साल देरी से बनकर तैयार हो रही टनल की लागत भी 1400 करोड़ से बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच गई। टनल का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की देखरेख में एफकॉन-स्ट्राबेग ज्वाइंट वेंचर कंपनी कर रही है।

चुनौती बना है सेरी नाले का रिसाव

रोहतांग सुरंग के निर्माण कार्य में हुई देरी का कारण सेरी नाले के पानी का रिसाव होना है। 2104 में एक समय ऐसा भी आया जब पानी के रिसाव ने स्ट्राबेग और एफकॉन कंपनी की नींद उड़ा दी। 2014 से 2017 तक बीआरओ सहित कंपनी को इस समस्या से जूझना पड़ा। हालांकि अभी भी समस्या बरकरार है। लेकिन अब बीआरओ ने हालात नियंत्रण में कर लिए हैं। बर्फबारी, माइनस तापमान और हिमखंड जैसी कई चुनौतियों ने रोहतांग सुरंग निर्माण कंपनी और बीआरओ की अग्निपरीक्षा ली, लेकिन सेरी नाले का पानी सबसे बड़ी चुनौती रही।

दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगी टनल : चीफ इंजीनियर

रोहतांग टनल प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर एनएम चंद्र राणा ने बताया सभी परिस्थितियां ठीक रहीं तो दिसंबर 2019 तक टनल बनकर तैयार हो जाएगी। टनल के भीतर सेरी नाले का रिसाव कम हुआ है, लेकिन समस्या अभी भी बरकरार है। सेरी नाले के पानी का रिसाव ही देरी का कारण है। इन दिनों रोहतांग सुरंग की फिनिशिंग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।


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