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Rohtang Tunnel: अब और सुगम होगा सरहद का सफर, 46 किलोमीटर कम होगी लेह व लद्दाख की दूरी

Rohtang Tunnel अटल टनल तैयार होने पर सरहद का सफर अब और सुगम होगा। इससे मनाली व लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 04:06 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 04:06 PM (IST)
Rohtang Tunnel: अब और सुगम होगा सरहद का सफर, 46 किलोमीटर कम होगी लेह व लद्दाख की दूरी
Rohtang Tunnel: अब और सुगम होगा सरहद का सफर, 46 किलोमीटर कम होगी लेह व लद्दाख की दूरी

मनाली, जेएनएन। अटल टनल तैयार होने पर सरहद का सफर अब और सुगम होगा। सालभर लाहुल घाटी सहित पांगी किलाड़ के दूर दराज के क्षेत्र का सुगम होगा, इससे मनाली व लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने टनल निर्माण का सपना देखा था, जिसे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरा किया। शुरुआती दौर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सुरंग के द्वार तक सड़क बनाने को अंजाम दिया, जबकि दूसरे चरण में कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने 1360 करोड़ का बजट स्वीकृत किया और जून 2010 में कार्य को हरी झंडी दी।

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3000 मीटर की ऊंचाई पर 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग

रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक महत्‍व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला तीन जून 2000 को लिया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी  देश के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने केलंग में जनसभा के दौरान इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। उन्होंने सुंरग के साउथ पोर्टल को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को मनाली आकर रखी थी। कुल 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनकर तैयार हो रही है।

जून 2010 में सोनिया गांधी ने रखी थी टनल की आधारशिला

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जून 2010 में टनल की आधारशिला रखी थी। उस समय इस टनल की अनुमानित राशि 1500 करोड़ थी और 2015 में तैयार करने का लक्ष्य रखा था, जो अब 3500 करोड़ पहुंच गई और सेरी नाले में हुए रिसाव से लक्ष्य पांच साल आगे खिसक गया। 15 अक्‍टूबर 2017 को सुरंग के दोनों छोर जुड़ गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर 2019 को 95वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहतांग सुरंग का नाम अटल सुरंग रखा।

लेह मार्ग पर प्रस्तावित हैं चार सुरंगे

रोहतांग के बाद अब बारालाचा दर्रा के नीचे 11.25, ला चुगला में 14.77 व तंगलंगला में 7.32 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। बीआरओ ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। रोहतांग सुरंग से 46 किलोमीटर, बारालाचा से 19, लाचुंगला से 31 और तंगलंगला से 24 किलोमीटर दूरी कम होगी।  सभी सुरंगे बनने कर बाद मनाली-लेह मार्ग की दूरी करीब 120 किलोमीटर कम हो जाएगी। इस समय मनाली से लेह पहुंचने के लिए 14 घंटे का समय लगता है। रोहतांग टनल दो घंटे का सफर कम करेगी, जबकि प्रतावित टनलों के बन जाने से लेह का सफर 10  घंटे का ही रह जाएगा।

500 मीटर पर रहेंगे आपातकालीन द्वार

सड़क के ठीक नीचे आपातकालीन सुरंग का भी निर्माण किया है। अटल सुरंग में 500 मीटर की दूरी पर आपातकालीन द्वार स्थापित किए जा रहे हैं। अत्याधुनिक तकनीक से बन रही इस सुरंग वेंटीलेशन डक्ट लगाए गए हैं। दुर्घटना होने की सूरत में यह वेंटीलेशन डक्ट सफर को सुगम बनाएंगे। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो आने जाने वालों पर निगरानी रखेंगे।


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