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गांवों की सूरत बदलेंगी सड़कें

पीएमजीएसवाइ के तीसरे चरण से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। शिक्षा व स्वास्थ्य संस्थान संपर्क सड़कों से जुड़ेंगे। पीएमजीएसवाइ के तहत वर्तमान में बनी सड़कों को ग्रामीण इलाकों के साथ जोड़ा जाएगा। पीएमजीएसवाइ-तृतीय चरण के तहत प्रदेश में 3200 किमी सड़कों के निर्माण की योजना है।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 11:09 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:09 PM (IST)
गांवों की सूरत बदलेंगी सड़कें
अब गांवों की सूरत बदलेंगी सड़कें। जागरण

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के तीसरे चरण से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। शिक्षा व स्वास्थ्य संस्थान संपर्क सड़कों से जुड़ेंगे। पीएमजीएसवाइ के तहत वर्तमान में बनी सड़कों को ग्रामीण इलाकों के साथ जोड़ा जाएगा। पीएमजीएसवाइ-तृतीय चरण के तहत प्रदेश में 3200 किमी सड़कों के निर्माण की योजना है। लोक निर्माण विभाग इन सड़कों की डीपीआर तैयार कर वित्त पोषण के लिए केंद्र सरकार को भेजेगा। विभाग के प्रधान सचिव सुभाषीश पांडा ने इसकी पुष्टि की है।

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गौर रहे कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में देश में पहली बार ग्रामीण इलाकों को सड़कों से जोडऩे के मद्देनजर पीएमजीएसवाइ शुरू की थी। इसके तहत 500 तक की आबादी वाले गांवों को सड़क से जोडऩे के बाद केंद्र सरकार ने 2016 में पीएमजीएसवाइ का दूसरा चरण शुरू किया था। योजना के पहले व दूसरे चरण में निर्मित सड़कों को अब सीधे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व शिक्षण संस्थानों के साथ मंडियों से जोडऩे की योजना है। इस मकसद से सरकार ने तृतीय चरण लांच किया है।

योजना का तीसरा चरण आइटी व जीपीएस पर आधारित होगा। जाहिर है कि केंद्र सरकार जीपीएस सिस्टम से ग्रामीण इलाकों में शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थानों के साथ मंडियों का पता लगाएगी। इसके बाद संपर्क सड़कों का निर्माण कर इन संस्थानों को सड़क से जोड़ा जाएगा।

15 विकास खंड़ों में बनेंगी सड़कें

लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुभाषीश पांडा का कहना है कि विभाग ने फिलहाल प्रदेश के 15 विकास खंडों में पीएमजीएसवाइ तृतीय के तहत सड़कों के निर्माण की योजना बनाई है। इनकी डीपीआर बनाकर केंद्र को भेजी जा रही है। इसके बाद 15 अन्य विकास खंडों में सड़कों को चिंह्नित कर सड़कों की डीपीआर बनाई जाएगी। तृतीय चरण में 3200 किमी सड़कों के निर्माण की योजना है। पहले 550 किमी और फिर 600 किमी सड़कों की डीपीआर केंद्र को भेजी जाएगी। इन सड़कों के निर्माण से ग्रामीण इलाकों में आर्थिक व सामाजिक बदलाव आएगा।


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