हजारों लोगों ने किया दिव्य पाठ
जिला ऊना के कलसेडा स्थित एनएफएल ग्राउंड में शनिवार को प्रभु कृपा दुख निवारण समागम शुरू हुआ।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : जिला ऊना के कलसेडा स्थित एनएफएल ग्राउंड में शनिवार को प्रभु कृपा दु:ख निवारण समागम का शुरू हुआ। समागम के पहले दिन ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी जी ने कहा कि अमेरिका और इंग्लैंड ने भी भारत की सनातन-पुरातन शक्ति और आयुर्वेद को मान्यता प्रदान कर दी है। समागम के प्रथम दिन देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया और ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी से भगवान शिव व मा दुर्गा का आलोक ग्रहण किया। समागम में मा दुर्गा के पाठ से होने वाले अनुभवों को सुनकर मंच पर उपस्थित डॉक्टर, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी और विशिष्ट अतिथि हैरान रह गए। कुमार स्वामी ने कहा कि मैं यहा केवल आपको कष्टों, दुखों, समस्याओं और असाध्य रोगों का शास्त्रोक्त विधि से समाधान प्रदान करने आया हूं। सभी रोगमुक्त हों और जीवन आनंद से जीएं, यही मेरा एकमात्र लक्ष्य है। ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने कहा कि दिव्य पाठ की शक्तियों का साक्षात्कार आज विश्व के 50 करोड़ लोग कर रहे हैं। पश्चिमी जगत के जो वैज्ञानिक व बुद्धिजीवी धर्म को नहीं मानते थे, वे भी प्रभु कृपा के इस आलोक को सहज ढंग से मान रहे हैं।
स्वामी ने कहा कि दिव्य पाठ कोई जादू या चमत्कार नहीं है बल्कि प्रभु कृपा का वह रहस्यमय आलोक है जो सनातन शक्ति और धर्म शास्त्रों में छुपा हुआ है।
इस अवसर पर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धर्म के महामंत्री सुशील वर्मा ने बताया कि हाल ही हुई विश्व जनकल्याण यात्रा के दौरान सद्गुरु को अमेरिका की न्यूजर्सी स्टेट सीनेट व जनरल असेंबली ने विशेष प्रस्ताव पास कर सम्मान पत्र प्रदान किया और अमेरिका में ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी डे मनाने की घोषणा की गई। ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लार्ड्स ने भी इनको आमंत्रित कर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। सद्गुरु ने हाउस ऑफ लार्ड्स को संबोधित किया था।