हिमाचल के लाखों विद्युत उपभोक्ताओं को राहत, कोरोना काल के बीच महंगी नहीं होगी बिजली
हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के बीच बिजली महंगी नहीं होगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस साल का टैरिफ जारी किया है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल के बीच बिजली महंगी नहीं होगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस साल का टैरिफ जारी किया है। क्यास लगाए जा रहे थे कि कोरोना काल के बीच सरकार बिजली की दरें बढ़ा सकती है। हिमाचल के 21 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को राज्य विद्युत नियामक ने बड़ी राहत दी है। इस बार बिजली की दरें नहीं बढ़ेगी। घरेलू से लेकर उद्योग के सभी उपभोक्ताओं की बिजली दरें पिछले साल की तरह की रहेगी।
बिजली बोर्ड प्रबंधन ने आयोग के समक्ष दायर याचिका में 8.5 फीसद की दर से बढ़ोतरी की मांग की थी. आयोग ने बोर्ड की याचिका पर विभिन्न पक्षों की सुनवाई की। इसके बाद बोर्ड के सभी खर्च का आंकलन करते हुए बोर्ड की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को न मानते हुए रेट न बढ़ाने के आदेश दिए हैं। दूसरी तरफ आयोग ने अपने आदेशों में साफ किया है कि बिजली का बिल देरी से देने पर लिए जाने वाले सरचार्ज को भी कम किया है।
ये 2 फीसद की बजाय 1.5 फीसद लगेगा। आम या घरेलू उपभोक्ता को भले ही इससे कोई ज्यादा फर्क न पड़े, लेकिन उद्योगों को भारी राहत इससे मिल सकती है। बिजली बोर्ड ने अपनी राजस्व प्राप्तियों की जो याचिका दायर की थी. वे वर्तमान दरों पर ही संभव है, इसलिए आयोग की ओर से अपना आदेश जारी किया है। आयोग के अध्यक्ष एसकेबीएस नेगी ने टेरिफ जारी किया है।
50 करोड़ का बनेगा कोविड फंड
कोरोना संकट के दौरान बिजली बोर्ड का कोई संकट न हो, इसके लिए कोविड फंड का प्रावधान किया है। आयोग ने इसके लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया है। बोर्ड राजस्व कम होने की स्थिति में इसका इस्तेमाल कर सकेगा। इससे बोर्ड को कर्मचारियों के वेतन से लेकर अन्य किसी तरह के खर्च में कोई परेशानी नहीं आएगी।
मीटर चेक करवाना होंगे महंगा
बिल ज्यादा आने की स्थिति में यदि कोई उपभोक्ता अपने मीटर को चैक करवाना चाहता है तो उसे पहले के मुकाबले ज्यादा राशि अदा करनी होगी। इसके लिए उन्हें पहले के मुकाबले दस फीसद के लगभग ज्यादा राशि अदा करना होगा।
आईपीपी को देने होंगे ज्यादा चार्ज
छोटे बिजली उत्पादक जो बोर्ड की लाइनों से अपनी बिजली सप्लाई करते हैं, उन्हें लंबे समय तक के इस्तेमाल के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा राशि अदा करनी होगी। पहले इन्हें प्रति मेगावाट 1 लाख 3 हजार तो अब एक लाख दस हजार रुपये प्रति मेगावाट की दर से अदा करना होगा।
यूनिट के आधार पर
- 0-60 3.30 2.30 1.00
- 0-125 3.95 2.40 1.55
- 126-300 4.85 1.90 2.95
- 300 से ज्यादा 5.45 1.05 4.40
- प्रीपेड 4.85 1.90 2.95