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महापुरुषों की किताबें व समाचार पत्र पढ़ें विद्यार्थी

राजकीय दलीप वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सोलन के विद्यार्थियों के लिए शनिवार का दिन यादगार बन गया जब राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कक्षा में आकर उनसे बातचीत की। विद्यार्थियों के लिए यह अनुभव विशेष था। राज्यपाल स्कूल की कक्षा नौवीं-ए में सुबह ठीक 10 बजकर पांच मिनट पर पहुंचे।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 10:00 PM (IST)
महापुरुषों की किताबें व समाचार पत्र पढ़ें विद्यार्थी
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन की कक्षा नौवीं के छात्रों से संवाद करते राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर। डीपीआरओ

सोलन, संवाद सहयोगी। राजकीय दलीप वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सोलन के विद्यार्थियों के लिए शनिवार का दिन यादगार बन गया जब राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कक्षा में आकर उनसे बातचीत की। विद्यार्थियों के लिए यह अनुभव विशेष था। राज्यपाल स्कूल की कक्षा नौवीं-ए में सुबह ठीक 10 बजकर पांच मिनट पर पहुंचे। कक्षा की दो विज्ञान शिक्षिकाओं की उपस्थिति में उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत की। 53 विद्यार्थियों की इस कक्षा में बच्चे उत्साहित थे और प्रश्नों के उत्तर देने और सवाल पूछने के लिए आतुर दिखे। राज्यपाल ने विभिन्न पुस्तकें और समाचार पत्र पढऩे का सुझाव दिया।

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बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि मनुष्य बनने का बहुत बड़ा साधन पुस्तकें हैं, जो हमेशा हमारे पास होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को पढऩे की आदत भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर यह आदत बचपन से होगी तो ज्ञान बढ़ता जाएगा और विषय का ज्ञान भी बढ़ेगा। विषय को समझने के लिए अलग-अलग पुस्तकें पढऩा आवश्यक है। हमारी पुरातन पुस्तकों में ज्ञान का भंडारण है। देश में हिंदी के ऐसे कई महान उपन्यासकार, कवि हुए हैं जिन्हें पढऩे से हमारा जीवन समृद्ध होता है। उन लोगों के जीवन का हम अनुसरण कर सकते हैं।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से पूछा कि ज्ञान और विज्ञान में क्या अंतर है। समाचार पत्र हम क्यों पढ़ते हैं। समाचार पत्र पढऩे क्यों जरूरी है। उन्होंने पूछा कि किस-किस के घर में महापुरुषों की पुस्तकें हैं। इसके बाद राज्यपाल ने हर विद्यार्थी को स्वयं लाई महापुरुषों की पुस्तकें भेंट की तथा कहा कि वे इन्हें पढ़ें और पढऩे के बाद अपने अनुभव को चिट्ठी के माध्यम से राजभवन भेजें। उन्होंने कहा कि वे जीवन में पढऩे की आदत बना लें।

इस मौके पर विद्यार्थियों ने भी राज्यपाल से प्रश्न पूछे। विज्ञान अध्यापिका निशा ठाकुर और सीमा शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। राज्यपाल ने स्कूल के शिक्षकों के साथ बैठक की और शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। विद्यार्थियों के साथ उनकी बातचीत की प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा कि Óपढ़ेंगे तो टीकेंगेÓ के उद्देश्य को लेकर उन्होंने बच्चों को पढऩे के प्रति प्रोत्साहित किया। सोलन की उपायुक्त कृतिका कुल्हारी, पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र शर्मा तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कक्षा नौवीं के विद्यार्थिंयों से जिस कक्षा में संवाद किया वहां दो शिक्षिकाओं सहित 53 विद्यार्थी मौजूद रहे। इस दौरान जिला शिक्षा विभाग सहित प्रशासन के अधिकारियों को भी कक्षा के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी।


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