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राकेश पठानिया बने मुख्‍यमंत्री के वजीर तो मुकेश को मिला हर्षवर्धन का साथ, जानिए क्‍या कुछ हुआ

नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया सरकार की ढाल बने जबकि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन का साथ मिला।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 07:55 AM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 07:55 AM (IST)
राकेश पठानिया बने मुख्‍यमंत्री के वजीर तो मुकेश को मिला हर्षवर्धन का साथ, जानिए क्‍या कुछ हुआ
राकेश पठानिया बने मुख्‍यमंत्री के वजीर तो मुकेश को मिला हर्षवर्धन का साथ, जानिए क्‍या कुछ हुआ

धर्मशाला, दिनेश कटोच। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया सरकार की ढाल बने जबकि विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन का साथ मिला। हर्षवर्धन के रुख से मुकेश हर्षित नजर आए और पठानिया ने मुख्यमंत्री के वजीर की भूमिका निभाई। उन्होंने सदन में सरकार का बचाव किया और विपक्ष को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।

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काफी देर तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दूरियां बरकरार रही लेकिन दोपहर भोजन के बहाने विपक्ष और सरकार एक साथ आए। अंदर की कड़वाहट और खटास यहां मिठास के रूप में बदली। पहले दिन सदन में इन्वेस्टर्स मीट को लेकर उठी तपिश शीत सत्र के दूसरे इन्वेस्टर्स मीट सहित महंगाई व रेरा (रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी) को लेकर जारी रही। मंगलवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस की ओर से अपनी बात रखने के लिए सियासी खेल शुरू हुआ।

मुख्यमंत्री के वजीर राकेश पठानिया ने कांग्रेस के सियासी सवालों का जवाब देते हुए सरकार की ओर से मोर्चा संभाला। आपसी नोकझोंक के बीच सदन में इन्वेस्टर्स मीट, महंगाई व रेरा पर कई सवाल विपक्ष ने खड़े किए, लेकिन उनका बखूबी जवाब सत्ता पक्ष ने दिया। सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने पर सरकार ने भी पलटवार किया। भले ही विपक्ष ने इन्वेस्टर्स मीट, महंगाई व रेरा पर सरकार को घेरने की कोशिश की लेकिन विपक्ष की यह कोशिश नाकाम साबित हुई।

तीखे तेवर में आए मुख्यमंत्री के विपक्ष को अंदर ही नहीं बाहर भी उनकी किसी भी चुनौती से निपटने का एक खुला आमंत्रण देकर यह संकेत दिए कि सरकार कहीं भी गलत नहीं है। प्रश्नकाल के दौरान वेल में आए विपक्ष ने नारेबाजी के बाद सदन का वॉकआउट भी किया। सदन से बाहर आकर विपक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि जो मुद्दे कांग्रेस की ओर से सदन में उठाए गए हैं, वह उनसे पीछे नहीं हटेगी।

वॉकआउट के बाद भी सदन की कार्यवाही चलती रही। प्रश्नकाल के बाद दो विधेयकों की पुरूस्थापना के बाद नियम 130 के तहत इन्वेस्टर्स मीट को लेकर चर्चा में भाजपा विधायकों ने भाग लिया। मुद्दों को लेकर पैदा हुई सियासी गर्माहट हालांकि भोजन अवकाश के दौरान कुछ खुशी के पलों में भी बदली। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के साथ खुशी का इजहार भी किया।


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