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बारिश गेहूं के लिए बनी संजीवनी, जमीन में पर्याप्‍त नमी से बंपर पैदावार की बढ़ी उम्‍मीद; बर्फबारी से चहके बागवान

Rain Effect on Crop ऊपरी क्षेत्रों में हो रहीं बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में हुई बारिश से किसानों और बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 09:55 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 09:55 AM (IST)
बारिश गेहूं के लिए बनी संजीवनी, जमीन में पर्याप्‍त नमी से बंपर पैदावार की बढ़ी उम्‍मीद; बर्फबारी से चहके बागवान
बारिश गेहूं के लिए बनी संजीवनी, जमीन में पर्याप्‍त नमी से बंपर पैदावार की बढ़ी उम्‍मीद; बर्फबारी से चहके बागवान

पालमपुर, जागरण संवाददाता। ऊपरी क्षेत्रों में हो रहीं बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में हुई बारिश से किसानों और बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं। हल्की-हल्की बारिश निचले क्षेत्रों में हो रही है तो ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी चली है। कृषि विशेषज्ञ ऐसे मौसम को किसानों और बागवानों के लिए बेहतर बता रहे हैं। गेहूं की फसल के लिए यह बारिश संजीवनी बनी हुई है। वहीं बागवानी फसलों के लिए यह उम्दा रहेंगी। सोमवार रात से आरंभ हुआ यह सिलसिला मंगलवार को पूरा दिन रुक-रुक कर अंबर बरसता रहा। लगातार हल्की बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

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गेहूं, सरसों, आलू, मटर, मसूर, चना, बरसीम, प्याज, लहसुन आदि रबी सीजन की फसले हैं। इसके अतिरिक्त गुठलीदार फलों के चिलिंग ऑवर्स बर्फबारी से पूरे होते हैं। अब पालमपुर के ऊपरी भागों में सेब को प्रमुखता से बागवान लगाने लगे हैं। ऐसे में इसके लिए बर्फबारी जिस तरीके से हो रहीं है वह लाभदायक रहेंगी। पालमपुर के ऊपरी क्षेत्रों कंडी, सुकैड़ी, पुरानी विध्यवासणी बंदला, जख्णी माता मंदिर, कंडबाड़ी आदि में बर्फबारी हुई है तो दूसरी तरफ पालमपुर, सुलह, भवारना, ठाकुरद्वारा, परौर, मैंझा आदि क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश होती रहीं।

भूमि के अंदर पर्याप्‍त नमी

निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश हो रही है। इससे भूमि के अंदर पर्याप्त नमी बन रही है। गेहूं व अन्य फसलों के लिए यह काफी लाभदायक रहेंगी। ऊपरी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी से गुठलीदार फलों के लिए चिलिंग ऑवर्स पूरे हो रहे हैं। -डॉ. यशपाल ठाकुर, प्रसार शिक्षा निदेशक, हिमाचल प्रदेश कृषि विवि पालमपुर।

भारी बर्फबारी से छोटा भंगाल घाटी का संपर्क फिर कटा

छोटा भंगाल में सोमवार देर रात से मंगलवार तक जारी बर्फबारी के कारण जनजीवन फिर पूरी तरह पटरी से उतर गया है। छोटा भंगाल घाटी के निचले भाग में मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे तक बर्फबारी जारी रही। इससे घाटी प्रचंड शीतलहर की चपेट में आ गई हैं। बर्फबारी से बरोट-घटासणी सहित घाटी की सभी सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। झङ्क्षटगरी, बरोट, मुल्थान बाजार व आसपास के गांवों में पांच इंच तक बर्फबारी हुई है। वहीं छोटा भंगाल घाटी के दूरवर्ती गांवों राजगुंधा, कुक्कड़ गुंधा, कुड़धार शपौहता, बड़ा ग्रां, नलहौता, कोली रूङ्क्षलग, कोठी कोहड़, चेलरा दी मलाह, धरमाण, सरमाण, नेर, उहलधार, जुधार, स्वाड़, तरमेहर, खड़ी मलाह, अंदरली मलाह तथा चौहार घाटी के मियोट, खलैहल, बड़ी व छोटी झरवाड़, सचाण, लच्छयाण, ग्रामण, मढ़, थल्टूखोड़ आदि गांवों में एक फीट तक बर्फबारी हुई है। अन्य क्षेत्रों में भी बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के कारण लोग दिनभर घरों में दुबके रहे।


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