रेल मंत्रालय व हिमाचल सरकार के अधिकारियों की टास्क फोर्स तीन महीने में निकालेगी रेल का रास्ता, पढ़ें खबर
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए घोषणा की कि तीन महीने के भीतर सर्वे कर पता लगाया जाएगा कि कैसे हिमाचल प्रदेश में मौजूदा रेल नेटवर्क में सुधार किया जा सकता है।
धर्मशाला, जेएनएन। ग्लोबल इंवेस्टर मीट के आगाज पर पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में रेल विस्तार की बात की थी। इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे दिन धर्मशाला में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए घोषणा की कि तीन महीने के भीतर सर्वे कर पता लगाया जाएगा कि कैसे हिमाचल प्रदेश में मौजूदा रेल नेटवर्क में सुधार किया जा सकता है। इसके लिए रेल मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारियों की संयुक्त टीम रेल विस्तार की संभावनाओं का आकलन करेगी।
इसके साथ-साथ मौजूदा रेल लाइनों में सुधार का पता लगाएगी, ताकि रेलों की रफ्तार बढ़ाई जा सके। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े सत्र के दौरान पीयूष गोयल ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि निकट भविष्य में राज्य के भीतर ब्राडगेज रेल नेटवर्क स्थापित होगा। उन्होंने कहा राज्य में रेल नेटवर्क में कैसे और क्या-क्या सुधार किए जा सकते हैं, इसके लिए लोगों से सुझाव लिए जाएंगे। गोयल ने माना कि पिछले पांच साल के दौरान रेलवे में बड़े सुधार हुए हैं। लेकिन अब जनता और निवेशकों की उम्मीदों के अनुरूप सुधार करने की जरूरत है।
पीयूष गोयल ने यूपीए सरकार की याद दिलाते हुए कहा कि वर्ष 2009 से 2014 तक हिमाचल को रेलवे के लिए कुल 540 करोड़ रुपये मिले, जबकि एनडीए सरकार के पांच साल के दौरान 2014-19 तक 1800 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान डेढ़ लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने माना कि पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रेल कनेक्टिविटी होना जरूरी है। उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने कहा निवेशकों की भूमि सहित अन्य सभी समस्याओं के समाधान करने के लिए सरकार के हिम प्रगति पोर्टल की सुविधा प्रदान की है। इससे पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने राज्य सरकार की नीतियों को लेकर जानकारी दी।
मेरी और जयराम की दोस्ती का 30वां साल है
अपने संबोधन में दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि आज मेरी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की दोस्ती का 30वां वर्ष है। मुझे ग्लोबल इंवेस्टर मीट के बहाने से दोस्ती का ये साल हिमाचल में मनाने का अवसर मिल गया। हम दोनों वर्ष 1989 में पहली बार मिले थे और उसके बाद हमारा मिलना लगातार जारी है। शायद हमारी दोस्ती इसी तरह से जीवन प्रयन्त चलती रहेगी।