निजी स्कूल संचालकों ने प्रदेश सरकार से मांगा विशेष आर्थिक पैकेज, राज्यपाल को भी सौंपा ज्ञापन
Private School Association इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से आर्थिक परेशानी के मद्देनजर कोविड-19 के तहत कोई विशेष आर्थिक पैकेज जारी करने की मांग की है।
नगरोटा सूरियां, जेएनएन। इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से निजी स्कूलों में चल रही आर्थिक परेशानी के मद्देनजर कोविड-19 के तहत कोई विशेष आर्थिक पैकेज जारी करने की मांग की है, ताकि स्कूल के स्टाफ को वेतन दिया जा सके। एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष गुलशन कुमार ने रविवार को पत्रकारों से कहा कोविड-19 के तहत लॉकडाउन व कर्फ्यू लगने से मार्च महीने से स्कूल बंद हैं। सरकार ने आदेश दिया था कि संस्थान किसी भी कर्मचारी को निकालेगा नहीं और उनका वेतन भी बंद नहीं किया जाएगा।
हालांकि इसके लिए सरकार ने निजी स्कूल प्रबंधन को फीस लेने की अनुमति दे दी है। लेकिन अभिभावक फीस देने में आनाकानी कर रहे हैं और मात्र बीस प्रतिशत अभिभावकों ने ही फीस जमा करवाई है। जिस कारण स्कूल स्टाफ को वेतन देने में आर्थिक दिक्कत पेश आ रही है। उन्होंने बताया सरकार के आदेशानुसार बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई भी शुरू कर दी है और ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए निजी स्कूलों को इसका सॉफ्टवेयर भी खरीदना पड़ा है।
वहीं, निजी स्कूल के प्रबंधकों ने स्कूल भवन व बच्चों को लाने व ले जाने के लिए बसों के खरीदने के लिए बैंक कर्ज ले रखा है। अब बैंकों ने कर्ज की किश्त भी मांगनी शुरू कर दी है। चार महीने से गाडिय़ां खड़ी हैं और सरकार टैक्स मांग रही है। स्कूल अभी बंद हैं, इस परिस्थिति में स्कूल स्टाफ व बस ड्राइवर को वेतन देना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा शुक्रवार को ही इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल निजी स्कूलों की समस्याओं लेकर शिमला में राज्यपाल से कांग्रेस के प्रदेश महासचिव केवल सिंह पठानिया के नेतृत्व में मिला और ज्ञापन देकर प्रदेश सरकार से मांग की है कि गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे निजी स्कूलों की परिस्थिति को देखते हुए कोविड-19 के तहत आर्थिक पैकेज जारी किया जाए।