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घृतमंडल: चार क्विंटल मक्खन से होगा भोले बाबा का श्रृंगार, बज्रेश्‍वरी देवी में 100 किलो घी से मक्खन तैयार

Preparation for Ghritmandal ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में भोले बाबा का मकर संक्रांति पर चार क्विंटल मक्खन से शृंगार किया जाएगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 12:45 PM (IST)
घृतमंडल: चार क्विंटल मक्खन से होगा भोले बाबा का श्रृंगार, बज्रेश्‍वरी देवी में 100 किलो घी से मक्खन तैयार
घृतमंडल: चार क्विंटल मक्खन से होगा भोले बाबा का श्रृंगार, बज्रेश्‍वरी देवी में 100 किलो घी से मक्खन तैयार

बैजनाथ/कांगड़ा, जेएनएन। ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में भोले बाबा का मकर संक्रांति पर चार क्विंटल मक्खन से शृंगार किया जाएगा। यह फैसला शनिवार को एसडीएम बैजनाथ की अध्यक्षता में हुई मंदिर की बैठक में लिया गया। साथ ही पिंडी का सूखे मेवों से शृंगार किया जाएगा। पुजारी धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि 13 जनवरी को लोहड़ी की रात घृतमंडल तैयार होगा। उन्होंने बताया कि देसी घी को ठंडे पानी में 108 बार धोकर मक्खन तैयार किया जाता है।

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यह है मान्यता

मान्यता के अनुसार, देवताओं और असुरों का आपस में युद्ध हुआ था और इसमें देवी-देवताओं को भारी नुकसान हुआ था। इसके बाद शिवलिंग पर घी का लेप चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई। मंडी रियासत के राजा भीमसेन ने यहां शिवलिंग पर घी का लेप चढ़ाकर मान्यता को आगे बढ़ाया था। पुजारी सुरिंद्र आचार्य ने बताया कि मंडी रियासत के राजा भीमसेन बैजनाथ स्थित शिवलिंग को मंडी ले जाना चाहते थे मगर रात को शिव भगवान ने उन्हें सपने में दर्शन देकर दंडस्वरूप शिवलिंग पर घी का लेप चढ़ाने के लिए कहा। इस कारण भीमसेन ने शिवलिंग पर घी चढ़ाया। इसके बाद काफी समय तक लोगों ने घी इक्‍ट्ठा कर चढ़ाया। वर्तमान में यहां मक्खन चढ़ाने की परंपरा है।

कैसे बनाया जाता है मक्खन

देसी घी को 108 बार ठंडे पानी में धोकर मक्खन बनाया जाता है। मक्खन बनाने की क्रिया घृतमंडल शुरू होने से तीन-चार दिन पहले शुरू हो जाती है। मकर संक्रांति पर इस मक्खन को पिंडी पर चढ़ाया जाता है। सात दिन तक लोग शिवलिंग पर चढ़े घृतमंडल का दर्शन करते हैं। इसके बाद मक्खन को पिंडी से उतारकर श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। मान्यता है कि इस मक्खन से चर्म रोग दूर हो जाते हैं।

शिवरात्रि महोत्सव में होंगी तीन सांस्कृतिक संध्या

बैठक में राज्यस्तरीय शिवरात्रि महोत्सव बाबत भी चर्चा की गई। इस दौरान  देवी-देवताओं के रहने और खाने-पीने की व्यवस्था के साथ उन्हें उचित नजराना देने का भी निर्णय लिया गया। हर वर्ष की तरह इस दफा भी मंदिर को फूलोंं और लाइटों से सजाया जाएगा। शिवरात्रि महोत्सव 21 से 25 फरवरी तक मनाया जाएगा। 21 फरवरी को जगराता होगा जबकि शेष तीन दिन सांस्कृतिक संध्या होंगी।

चकाचक होंगी खीर गंगा घाट की सीढिय़ां

बैठक में खीर गंगा घाट की सीढिय़ों और स्टोर की मरम्मत करने पर भी मंथन हुआ। इस मौके पर मंदिर न्यास सदस्य अनिल शर्मा, अनिल अवस्थी, चंद्र रावत, गोपाल पाधा, ओंकार सूद व संदीप गर्ग सहित अन्य मौजूद रहे।

श्री बज्रेश्वरी मंदिर में 100 किलो घी से मक्खन तैयार

शक्तिपीठ श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में घृत पर्व के लिए मक्खन बनाने का काम शुरू हो गया है। पुजारियों निशांत शर्मा, संवेद शर्मा, नीतिन शर्मा, आशीष शर्मा, आयुष शर्मा, सचिन शर्मा, मिथुन शर्मा, राघव शर्मा, शिवनंदन शर्मा व मनमोहन शर्मा ने बताया कि शनिवार को 100 किलो मक्खन तैयार किया है। मंदिर को 150 किलो देसी घी दान के रूप में प्राप्त हो चुका है। यह कार्य 13 जनवरी तक चलेगा और मकर संक्रांति पर यह मक्खन मां की पिंडी पर चढ़ाया जाएगा। वरिष्ठ पुजारी पंडित राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि यह आयोजन वर्षों से होता आया है।


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