संवरने के लिए ब्रांडेड सामग्री बनी पहली पसंद
संवाद सूत्र ज्वालामुखी जीवन साथी की सलामती व दीर्घायु के लिए सबसे बड़े पर्व करवाचौथ के लिए महिलाओं में खासा उत्साह है। सजने संवरने के लिए ब्रांडेड सामग्री महिलाओं की पहली पसंद बनी है। पर्व के लिए महिलाएं महंगाई को बाधा नहीं बनना देना चाहती हैं।
संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : जीवन साथी की सलामती व दीर्घायु के लिए सबसे बड़े पर्व करवाचौथ के लिए महिलाओं में खासा उत्साह है। सजने संवरने के लिए ब्रांडेड सामग्री महिलाओं की पहली पसंद बनी है। पर्व के लिए महिलाएं महंगाई को बाधा नहीं बनना देना चाहती हैं।
व्रत वाले दिन महिलाएं अन्य औरतों को जो सुहागी बांटती हैं, उसमें भी लोकल को छोड़ ब्रांडेड सामान की खरीदारी की जा रही है। मनियारी से लेकर रेडीमेड कपड़ों की जमकर खरीदारी की जा रही है। महिलाओं का तर्क है कि करवाचौथ उनके लिए बड़ा पर्व है, इसलिए महंगाई का ध्यान किया तो पर्व का रंग फीका पड़ जाएगा। साल के अन्य दिनों में किफायत की जा सकती है, लेकिन इस पर्व के लिए कहीं भी समझौते की जगह नहीं है। दुकानदार सीमा सूद बताती हैं कि महिलाएं सौंदर्य प्रसाधन के लिए महंगे ब्रांडेड सामग्री को तरजीह दे रही हैं।
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सजने-संवरने के लिए लोकल नहीं, ब्रांडेड सामग्री को तवज्जो दी है। पिछले साल की तुलना में सब कुछ काफी हद तक महंगा है, लेकिन बचत का विचार साल के अन्य दिनों में किया जा सकता है।
-रीता शर्मा
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पसंद का सूट स्टीचिग के लिए दिया है। टेलरों के पास भीड़ है। सौंदर्य प्रसाधन के लिए सुहागी सहेलियों के लिए ली है, वह ब्रांडेड है। इतने बड़े पर्व के लिए थोड़ी फिजूलखर्ची जायज है।
-सोनू शर्मा
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बेशक कोरोना के कारण महिलाओं का पर्सनल बजट गड़बड़ाया है, लेकिन मैंने पिछले साल की तुलना में अधिक खरीदारी की है। सजने संवरने का सामान ज्वालामुखी व कपड़े होशियारपुर में खरीदे हैं।
मीना कपूर
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इस दिन के लिए खर्चे के कम होने या अधिक होने की सोची ही नहीं जा सकती। नए-नए उत्पाद बाजार में आए हैं। पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करूंगी। सभी सुहागिनें व उनके जीवन साथी सलामत रहें।
स्नेहलता परमार।
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पिछले चार दिन से बाजारों में काफी रौनक है। व्यापार चमका है व आर्थिक तंगी से राहत मिली है। उम्मीद है आगे भी बाजार गुलजार रहेंगे और कोरोना काल में हुआ घाटा पूरा होगा।
-ज्योतिशंकर शर्मा
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पिछले साल की तुलना में कारोबार बढ़ा है। अमृतसर व लुधियाना से फैंसी कपड़ों का स्टाक लेकर आया हूं। सब कुछ हाथों हाथ बिका है। करवाचौथ के लिए एक दिन बचा है। महिलाएं जमकर खरीदारी कर रही हैं।
-संजीव भाटिया
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करवाचौथ के लिए एक दिन बचा है। अब भी 20 सूट सिलकर देने हैं। पिछले एक सप्ताह से रात दो-दो बजे तक स्टीचिग कर रही हूं। पिछले साल की तुलना में इस बार काम बहुत अधिक है। महिलाओं ने महंगे कपड़े स्टीचिग के लिए दिए हैं।
-लता शर्मा