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गांव लौटे युवाओं ने मिट्टी का ओवन तैयार कर शुरू किया पिज्‍जा बेचना, रोजाना कर रहे अच्‍छी कमाई

Clay Oven Pizza युवाओं ने मिट्टी का ओवन बनाकर पिज्जा बेचना शुरू किया है। करीब 20 दिन पहले शुरू किया यह कारोबार बढ़ रहा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 10:12 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 10:12 AM (IST)
गांव लौटे युवाओं ने मिट्टी का ओवन तैयार कर शुरू किया पिज्‍जा बेचना, रोजाना कर रहे अच्‍छी कमाई
गांव लौटे युवाओं ने मिट्टी का ओवन तैयार कर शुरू किया पिज्‍जा बेचना, रोजाना कर रहे अच्‍छी कमाई

हमीरपुर, मनोज कुमार शर्मा। मुसीबतों से जो हार मान जाए उसे कायर कहते हैं और मुसीबत को ही अवसर बना ले उसे सफल इंसान कहते हैं...जी हां, यह पक्तियां विदेश में फाइव स्टार होटलों में काम कर लौटे युवा पर सटीक बैठती हैं। लॉकडाउन के कारण विदेश से घर लौटे हमीरपुर जिले के सनाही निवासी विपिन कुमार ने कमाई का साधन खोजना शुरू किया। इसमें अपने चचेरे भाई को भी साथ लिया। फिर दोनों ने घर के पास ही मिट्टी का ओवन बनाकर पिज्जा बेचना शुरू किया है। करीब 20 दिन पहले शुरू किया यह कारोबार बढ़ रहा है। अब प्रतिदिन 125 से 150 के बीच पिज्जा बनाकर बेच रहे हैं।

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कोराना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में जिंदगी ठहर सी गई। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा, लेकिन अपने घर और अपनी माटी से किसे लगाव नहीं होता है। यही सोचकर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड से हमीरपुर के सनाही का युवा विपिन घर लौट आया। मार्च के पहले हफ्ते घर पहुंच गया। इसी दौरान विपिन का चचेरा भाई ललित भी घर लौट आया। ललित अमृतसर के बाघा बार्डर स्थित होटल में चीफ एग्जीक्यूटिव शेफ के तौर पर कार्य करता था जबकि विपिन विदेश में होटल में बतौर मैनेजर सेवाएं देता था।

विपिन और ललित बताते हैं कि लौटने के बाद कुछ दिनों तक तो कफ्र्यू के कारण घर से निकलना ही कम हुआ। परिवार में पहुंचने का सुकून था लेकिन ज्यों-ज्यों लॉकडाउन बढ़ता गया तो रोजगार की चिंता भी सताने लगी। अनलॉक-1 के बाद कुछ काम धंधा करने का मन बनाया, लेकिन एकदम इतना अधिक निवेश करना भी संभव नहीं था। इसलिए कुछ ऐसा करने की ठानी जिसमें लागत भी कम हो, गांव के आसपास वह मिलती भी न हो और सबसे महत्वपूर्ण यह था कि किसी का रोजगार भी प्रभावित न हो।

इसके बारे में चचेरे भाई ललित से बात की और मिïट्टी के ओवन से तैयार पिज्जा (वुड फायर पिज्जा) तैयार करने पर सहमति बन गई। गांव के पास ही एक दुकान देखी। दोनों ने इसे किराये पर ले लिया। वुड फायर पिज्जा तैयार करने के लिए मिïट्टी के ओवन की जरूरत थी और इसे खुद ही तैयार किया। पिज्जा बनाने के लिए अधिकतर सामग्र्री भी घर पर ही तैयार की जाती है। गांव में ही तैयार पनीर और सब्जियां प्रयोग में लाई जा रही हैं। विपिन और ललित बताते हैं कि गांव में वुड फायर पिज्जा की डिमांड बढ़ रही है। शुरुआत में प्रतिदिन 10 से 15 पिज्जा बेच रहे थे, लेकिन अब प्रतिदिन 125 से 150 पिज्जा बनाकर बेच रहे हैं।

ऐसे तैयार किया ओवन

विपिन ने बताया कि गांव के साथ बहने वाली नदी से रेत लाए। बांबी की मिट्टी (भिभोरा) और कुछ चिकनी मिïट्टी लाकर उसे अच्छी तरह से महीन पीस लिया। गांव के साथ लगते जंगल से चीड़ की पत्तियों को लाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया। इन्हें अच्छी तरह मिलाकर मिïट्टी का लेप तैयार किया गया। करीब तीन हजार रुपये से एक स्टैंड बनवाया और उस पर मिट्टी से यह ओवन तैयार कर लिया। अब यहां कारोबार बढ़ रहा है। अगले सप्ताह से कांगू बाजार में एक और दुकान खोली जाएगी। इसके लिए दो युवाओं को और साथ जोड़ लिया है।

घर में तैयार उत्पाद से बना रहे पिज्जा

पिज्जा की अधिकतर सामग्री खुद तैयार करते हैं। सॉस भी खुद बनाते हैं। गाय के दूध से पनीर तैयार किया जाता है। इसके अलावा टमाटर और सब्जियां भी गांव में मिल जाती हैं। इस तरह यह पौष्टिकता के साथ-साथ यह पिज्जा प्राकृतिक रूप से तैयार किया जाता है।


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