पौंग विस्थापितों के पुनर्वास के लिए गंभीरता दिखाए सरकार
संवाद सूत्र, नगरोटा सूरियां : पौंग बांध विस्थापितों ने राजस्थान के गंगानगर में आरक्षित 1188 मु
संवाद सूत्र, नगरोटा सूरियां : पौंग बांध विस्थापितों ने राजस्थान के गंगानगर में आरक्षित 1188 मुरब्बा भूमि पर ही पुनर्वास की माग उठाई है। विस्थापितों ने वीरवार को नगरोटा सूरिया में विस्थापित संघर्ष समिति के अध्यक्ष तीर्थ राम शर्मा की अध्यक्षता में बैठक कर आरोप लगाया कि विस्थापितों के पुनर्वास के लिए समझौते के अनुसार हिमाचल और राजस्थान की सरकारें दिलचस्पी नहीं ले रही हैं।
तीर्थ राम शर्मा ने बताया कि पौंग डैम बनने से पहले 15 हजार विस्थापितों के पुनर्वास के लिए अनूपगढ़ और जैत्सर फार्म में 2.20 लाख एकड़ कमाद भूमि आरक्षित रखी थी, लेकिन राजस्थान के भू माफिया ने उस पर कब्जा कर रखा है। विस्थापितों ने मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया और कोर्ट ने विस्थापितों के हक में फैसला देकर राजस्थान सरकार को विस्थापितों के लिए आरक्षित भूमि से कब्जे हटाकर भूमि आवंटित करने के आदेश दिए लेकिन तीन दशक बीतने के बाद भी राजस्थान सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई है। आरोप लगाया कि पौंग विस्थापितों को आरक्षित भूमि की बजाए पाकिस्तान सीमा पर जमीन दी जा रही है। तीर्थ राम शर्मा ने बताया कि विस्थापितों को राजस्थान के मोहनगढ़ और रामगढ़ में गैरकानूनी ढंग से भूमि आवंटित की जा रही है जो कि पुनर्वास समझौते व सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने पौंग विस्थापितों के पुनर्वास के लिए गंभीरता नहीं दिखाई तो विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध किया जाएगा। बैठक में महासचिव लेखराज, राम कुमार शर्मा, अश्रि्वनी अवस्थी, नरदेव अवस्थी, जोगिंद्र सिंह सेठ, पल कुमार, राम लोक व सर्वदर्शन शर्मा सहित अन्य ने भाग लिया।