रामगढ़, मोहनगढ़ व जैसलमेर में मुरब्बे मंजूर नहीं
संवाद सूत्र, जवाली : पौंग बाध विस्थापित समिति की प्रदेशस्तरीय बैठक विश्राम गृह जवाली में वीरवार
संवाद सूत्र, जवाली : पौंग बाध विस्थापित समिति की प्रदेशस्तरीय बैठक विश्राम गृह जवाली में वीरवार को प्रदेशाध्यक्ष हसराज चौधरी की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान विस्थापितों की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया और आगामी रणनीति तैयार की गई। हंसराज चौधरी ने कहा कि पौंग बांध निर्माण के समय विस्थापितों को मूलभूत सुविधाओं से लैस जमीन श्रीगंगानगर में देने का वादा किया गया था लेकिन विस्थापन के 46 वर्ष बीतने के बाद भी विस्थापितों का दर्द कम नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज भी सुविधाओं से लैस मुरब्बे श्रीगंगानगर में नहीं मिल पाए है। आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार की ओर से विस्थापितों की मांगों को अनसुना किया जाता है। उन्होंने कहा, हाल ही में विस्थापितों को रामगढ़, मोहनगढ़, जैसलमेर व नाचना में मुरब्बे दिए जा रहे है और ये भारत-पाक सीमा पर है। उन्होंने कहा कि इन जमीनों में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। दूर-दूर तक न तो सड़क, न स्कूल, न बिजली और न ही पानी की सुविधा है। ऐसे में इस जगह गुजर-बसर करना मुश्किल होगा। कहा कि विस्थापित हजारों रुपये खर्च कर राजस्थान में जाते है और वहा कार्यालयों में अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। आरोप लगाया कि राजस्थान में जो जमीन विस्थापितों के लिए आरक्षित थी उसे सरकार ने अपने लोगों को दे रखा है और उस पर बाहुबलियों का कब्जा है। बकौल हसराज चौधरी, पौंग बाध के निर्माण में अगर विस्थापितों ने मूलभूत सुविधाओं से लैस जमीन दी है तो उसी किस्म की जमीन श्रीगंगानगर में विस्थापितों को मिलनी चाहिए। कहा कि चेयरमैन हाइ पावर कमेटी एवं सचिव जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार की फतेहपुर में हुई बैठक में विस्थापितों को 46 वर्ष के उत्पीड़न व शोषण का मुआवजा साढ़े तीन करोड़ रुपये दिए जाने की माग विस्थापितों ने उठाई थी। इस दौरान सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि जल्द पौंग बाध विस्थापित समिति जिलाधीश राहत एवं पुनर्वास राजा का तालाब से मिलेंगे और इसके लिए तीन दिसंबर को जवाली में बैठक होगी। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष प्यारे लाल, महासचिव हुकम चंद गुलेरी, एमएम चौधरी, एचसी गुलेरी, मुख्य सलाहकार रमेश चंद्र, रविंद्र कुमार, आरपी वर्मा, नंद किशोर, मदन लाल व सुरेश कुमार मौजूद रहे।