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अनारक्षित भूमि पर पुनर्वास नहीं होगा सहन

संवाद सूत्र, नगरोटा सूरियां : पौंग बाध संघर्ष समिति ने नगरोटा सूरियां विश्रामगृह में मंगलवार

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Sep 2017 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 19 Sep 2017 11:03 PM (IST)
अनारक्षित भूमि पर पुनर्वास नहीं होगा सहन
अनारक्षित भूमि पर पुनर्वास नहीं होगा सहन

संवाद सूत्र, नगरोटा सूरियां : पौंग बाध संघर्ष समिति ने नगरोटा सूरियां विश्रामगृह में मंगलवार को बैठक कर राजस्थान सरकार को चेताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले अनुसार राजस्थान में समझौते के तहत प्रथम चरण में आरक्षित भूमि पर ही पुनर्वास किया जाए। बैठक की अध्यक्षता संघर्ष समिति के अध्यक्ष तीर्थ राम शर्मा ने की। इस दौरान फैसला लिया गया कि दूसरे चरण की अनारक्षित भूमि पर पुनर्वास विस्थापितों को कतई मंजूर नहीं है।

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यह भी फैसला लिया गया कि 23 सितंबर को फतेहपुर में संघर्ष समिति केंद्र सरकार की हाई पावर कमेटी के चेयरमैन कम सचिव वाटर रिसोर्स मंत्रालय के समक्ष पौंग विस्थापितों के पुनर्वास के मुद्दे को उठाया जाएगा। वह 23 सितंबर को फतेहपुर दौरे पर आ रहे हैं। तीर्थ राम शर्मा ने कहा कि पौंग बाध बनाने के लिए केंद्र और राजस्थान सरकार के बीच राजस्थान में विस्थापितों के पुनर्वास के लिए भूमि आरक्षित रखने के लिए समझौता हुआ था। समझौते के तहत राजस्थान सरकार ने 1960 में अनूपगढ़ और जैतसर फार्म में विस्थापितों के लिए 2.20 लाख एकड़ कमाद भूमि आरक्षित भी की। अब राजस्थान सरकार आरक्षित भूमि को आवंटित करने की बजाए एक साजिश के तहत विस्थापितों को पाकिस्तान सीमा पर अनारक्षित और अनकमाद भूमि आवंटन के लिए शपथपत्र के माध्यम से बाध्य कर रही है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विस्थापित हित में दिए गए फैसले की अवमानना की जा रही है। बैठक में पौंग विस्थापित संघर्ष समिति के सदस्य राम कुमार, लेख राज, पाल कुमार, नरदेव अवस्थी, प्रीतम सेठ, जोगिंदर सिंह व अनिल कुमार धीमान भी उपस्थित रहे।


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