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पुनर्वास में देरी पर भड़के पौंग विस्थापित

पुनर्वास में देरी पर गुस्साए विस्थापितों ने पौंग विस्थापित राहत एवं पुनर्वास समिति के बैनर तले नगरोटा सूरियां में धरना-प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 07:42 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 07:42 PM (IST)
पुनर्वास में देरी पर भड़के पौंग विस्थापित
पुनर्वास में देरी पर भड़के पौंग विस्थापित

संवाद सूत्र, नगरोटा सूरियां : पुनर्वास में देरी पर गुस्साए विस्थापितों ने पौंग विस्थापित राहत एवं पुनर्वास समिति के बैनर तले रविवार को नगरोटा सूरियां में झील के किनारे धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि उन्हें पुनर्वास के बदले रेणुका बांध की तर्ज पर एक मुश्त प्रति विस्थापित नौ करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए। उन्होंने पुनर्वास की समस्या हल करने के लिए छह माह का अल्टीमेटम दिया। चेताया कि यदि समस्या हल नहीं की तो पौंग बांध की खाली भूमि पर जबरन कब्जा कर लेंगे और जरूरत पड़ी तो जलसमाधि लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व समिति के वरिष्ठ सलाहकार एवं देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार ¨सह ने किया।

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उन्होंने सुगनाड़ा गांव में विस्थापितों को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल, राजस्थान व केंद्र में भाजपा की सरकार है। इसलिए 50 साल से चल रहा पौंग विस्थापितों का पुनर्वास का मुद्दा आसानी से हल किया जा सकता है। राजस्थान में 19000 विस्थापितों में से अभी तक केवल 4000 को ही मुरब्बे मिले हैं।

पौंग विस्थापित समिति के अध्यक्ष हंसराज व महासचिव हुकम चंद गुलेरी ने कहा कि प्रदेश सरकार विस्थापितों को हक दिलाए नहीं तो पौंग बांध का पानी राजस्थान को जाने नहीं दिया जाएगा। विस्थापितों को अब राजस्थान में भूमि नहीं चाहिए बल्कि नर्मदा बांध की तर्ज पर वर्तमान जमीन की कीमत के मुताबिक 30 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। यह प्रति मुरब्बा के हिसाब से नौ करोड़ रुपये बनता है।

कैंडल मार्च व मुंडन करवाकर दी श्रद्धांजलि

विस्थापितों ने विधायक होशियार ¨सह के नेतृत्व में पौंग जलाशय तक कैंडल मार्च किया। विधायक होशियार ¨सह व समिति के पदाधिकारियों ने मुंडन करवाकर राजस्थान में पुनर्वास की लड़ाई में मारे गए विस्थापितों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर काफी संख्या में पौंग बांध विस्थापित मौजूद थे।


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