डंपिंग साइट बना दिया इंदौरा का तालाब
रमन कुमार इंदौरा जल संरक्षण की बातें और सूखते जल स्त्रोतों को संवारने के लिए दावे ही हुए।
रमन कुमार, इंदौरा
जल संरक्षण की बातें और सूखते जल स्त्रोतों को संवारने के लिए दावे तो किए जाते हैं लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। विश्वास नहीं होता है तो हम आपको इंदौरा बस स्टैंड से 100 मीटर की दूरी पर स्थित प्राकृतिक तालाब की ओर ले चलते हैं। किसी समय इस तालाब के पानी का प्रयोग लोग कपड़े धोने और पशुओं के लिए इस्तेमाल करते थे लेकिन अब यह स्थानीय लोगों के लिए डंपिग साइट बन गया है। तालाब के पानी में कूड़े का जहर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। इंदौरा-रे मार्ग पर स्थित इस तालाब में हर रोज लोग गाड़ी में भरकर कूड़ा फेंक रहे हैं और इस कारण यह सिकुड़ रहा है। तालाब का पानी हर बार बरसात में ओवरफ्लो होकर घरों मे घुसता है। पानी में गंदगी व पॉलीथीन की मात्रा इतनी अधिक है कि लोगों को परेशानी होती है। चितनीय है कि तालाब की दशा सुधारने की दिशा में प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
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तालाब में पशु पानी पीते हैं परंतु लोग इसमें कांच की बोतलें फेंक देते हैं और ये पशुओं के लिए हानिकारक हैं। पंचायत या प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।
-अजय कटोच, पूर्व सैनिक स्वच्छ भारत मिशन इंदौरा में नजर नहीं आ रहा है। पंचायत स्तर पर पहले सफाई के लिए कार्य किए जाते थे, लेकिन अब तालाब में मिट्टी डालकर इसे भरने का काम किया जा रहा है।
-डॉ. चुन्नी लाल, पूर्व प्रधान इंदौरा।
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स्थानीय लोग भी दुकानों की गंदगी तालाब में डालते हैं। पंचायत और प्रशासन इस दिशा में कदम उठाए। तालाब की निशानदेही कर कब्जों को तुरंत हटाया जाए।
-सुनीत कटोच, सेवानिवृत्त सूबेदार।
तालाब में मिट्टी फेंककर इसे भरने का काम किया जा रहा है। तालाब में गंदगी के कारण क्षेत्र में बीमारियां पनपने का डर लोगों को सताने लगा है।
पुष्पिंदर कटोच।
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लोगों का भी कर्तव्य है कि कचरा कूड़दानों में फेंके। पंचायत प्रतिनिधियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करें। लोग तालाब में गंदगी न फेंकें।
-गौरव महाजन, एसडीएम इंदौरा।
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