इन नौ कारणों से बना हिमाचल में मतदान का रिकॉर्ड, जानिए
Polling percentage increase in Himachal मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार नौ कारणों से मतदान प्रतिशत बढ़ा है।
शिमला, यादवेंद्र शर्मा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार नौ कारणों से मतदान प्रतिशत बढ़ा है। यही कारण है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड बना है। निर्वाचन विभाग के सिस्टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्ट्रोल पार्टिसिपेशन (स्वीप) कार्यक्रम के साथ दैनिक जागरण के सभी चुनें-सही चुनें अभियान का भी मत प्रतिशतता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए मतदाता जागरूकता अभियान सभी चुनें-सही चुनें और अधिकारियों, बुजुर्गों व नए मतदाताओं से मतदान की अपील का भी प्रभाव पड़ा है।
लोकसभा चुनाव में इस बार 72.25 फीसद मतदान दर्ज हुआ है। इसमें पोस्टल बैलेट शामिल होने हैं जिससे मतदान 73 फीसद तक पहुंच सकता है। निर्वाचन विभाग ने अगस्त 2018 से स्वीप कार्यक्रम चलाया है। इसमें 1,52,290 नए युवा मतदाताओं को शामिल किया गया। मतदाताओं में जागरूकता आने से युवाओं से लेकर वृद्ध, दिव्यांग मतदाता और हर वर्ग के लोगों ने मतदान करने में रुचि दिखाई। मतदाताओं तक यह बात पहुंची कि आखिर अपने, प्रदेश और देश के विकास के लिए सभी को भागीदारी निभानी है। यही कारण रहे कि लोकसभा चुनाव में इस बार मतदान का रिकॉर्ड बना।
एक से पांच बजे तक सबसे अधिक मतदान
हिमाचल की चारों संसदीय सीटों के लिए 19 मई को मतदान हुआ। सबसे अधिक मतदान दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे के बीच दर्ज किया गया। इन चार घंटों के दौरान 35 से 40 फीसद तक मतदान हुआ। सबसे कम मतदान सुबह सात बजे से नौ बजे तक हुआ।
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के आंकड़े
- 72.25 फीसद मतदान हुआ इस बार
- 73 फीसद मतदान दर्ज हो सकता है पोस्टल बैलेट शामिल होने पर
- 64.45 फीसद मतदान हुआ 2014 में
- 65.32 फीसद सबसे अधिक मतदान हुआ 1998 में
- 56.78 फीसद रहा सबसे कम मतदान 1999 में
मतदान का रिकॉर्ड बनने के प्रमुख कारण
- निर्वाचन विभाग का स्वीप कार्यक्रम।
- दैनिक जागरण का सभी चुनें-सही चुनें अभियान व मतदाताओं से अपील।
- नवमतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान।
- केंद्र सरकार चुनने के लिए जागरूकता बढऩा।
- मौसम के साफ रहने पर भी लोगों को घरों से बाहर निकलने का मौका मिला।
- मतदान केंद्रों पर पानी, बच्चों की देखभाल सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवाना।
- मतदान केंद्रों में वृद्धों की सहायता के लिए व्हीलचेयर के साथ एनएसएस स्वयंसेवियों का होना।
- आदर्श मतदान केंद्रों की स्थापना। लोगों के घरों के नजदीक मतदान केंद्र की स्थापना।
- सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान।
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