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सरकार की बैसाखियों के सहारे धर्मशाला नगर निगम

municipal council dharmshala, स्मार्ट सिटी के सहारे अपनी गति को बढ़ा रहा नगर निगम अभी भी सरकार के आसरे पर है।

By Edited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 09:15 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:28 AM (IST)
सरकार की बैसाखियों के सहारे धर्मशाला नगर निगम
सरकार की बैसाखियों के सहारे धर्मशाला नगर निगम

दिनेश कटोच, धर्मशाला। स्मार्ट सिटी के सहारे गति को बढ़ा रहा नगर निगम धर्मशाला अब भी सरकार की बैसाखियो के सहारे है। आलम यह है कि नगर निगम का वार्षिक बजट हर साल कम होता जा रहा है। नगर निगम के तीसरे वार्षिक बजट को देखें तो कोई भी बड़ी योजना प्रस्तावित नहीं है। हैरानी की बात यह है कि जो योजनाएं पहले से चल रही हैं, उनके लिए धन की मांग प्रदेश सरकार से की गई है।

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नगर निगम ने वार्षिक बजट में लोगों को कर से तो राहत प्रदान की है और राजस्व व पूंजीगत प्राप्ति के सहारे आय बढ़ाने का प्रयास किया है, लेकिन बड़ी योजना का बजट में प्रावधान नहीं किया है। सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी नगर निगम सरकार ही पर निर्भर है। इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार से 20 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान सहित राज्य आपदा प्रतिक्रिया फंड व प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी अनुदान की मांग नगर निगम ने की है। हालांकि अपने स्तर पर सार्वजनिक शौचालयों के लिए एक करोड़, नगर निगम क्षेत्र में मनोरंजन केंद्र बनाने के लिए 50 लाख रुपये, नगर निगम क्षेत्र में लोगों की जमीनों को भूस्खलन से बचाने के लिए तटीकरण व कूहलों की मरम्मत के लिए बजट में धन का प्रावधान किया है लेकिन विकास को रफ्तार देने के लिए यह नाकाफी है।

नगर निगम प्रधानमंत्री आवास योजना, लक्ष्य योजना सहित कूड़ा संयंत्र स्थापित करने के लिए कदम तो बढ़ाएगी, लेकिन इसके लिए धन प्राप्त करने के लिए सरकार से ही मांग की जाएगी। हर साल कम हो रहा बजट नगर निगम गठन के बाद यह तीसरी बजट बैठक थी। शुरुआती दौर के बाद हर वर्ष वार्षिक बजट कम होता जा रहा है। नगर निगम के पहले बजट के समय कांग्रेस सरकार प्रदेश में सत्ता में थी। इस दौरान नगर निगम ने सबसे अधिक बजट का प्रावधान भी किया था।

दूसरे बजट के दौरान भी कांग्रेस सरकार ही सत्तासीन थी और उस दौरान भी निगम के बजट में और कमी आई और अब भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह बेहद कम हो गया है। स्मार्ट सिटी के नाम पर अभी तक नगर निगम शहर की गलियों व रास्तों को बनाने पर ही पैसा खर्च कर रही है। नगर निगम में इस समय महापौर कांग्रेस समर्थित तो उपमहापौर भाजपा से संबंधित हैं, लेकिन इस सबके बीच नगर निगम के पास कोई बड़ी योजना नहीं है। तीन वर्ष के बजट का ब्योरा वर्ष बजट 2017-18 138 करोड़ 2018-19 95.12 करोड़ 2019-20 77.65 करोड़


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