पीपीई किट पहने एंबुलेंस कर्मियों ने नहीं उठाया घायल, पुलिस ने डाला गाड़ी में, एसपी ने FIR कर की तारीफ
बिलासपुर जिले के स्वारघाट स्थित क्वारंटाइन सेंटर में बाथरूम में अचानक गिरने के बाद एक युवक की मौत के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है।
बिलासपुर, जागरण संवाददाता। बिलासपुर जिले के स्वारघाट स्थित क्वारंटाइन सेंटर में बाथरूम में अचानक गिरने के बाद एक युवक की मौत के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। इलाज में लापरवाही के आरोप में स्वास्थ्य विभाग के 108 एंबुलेंस सेवा पर तैनात कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले की शुरुआती तफ्तीश में खुलासा किया है कि मौके पर इन 108 एंबुलेंस पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से पीपीई किट पहने होने के बावजूद घायल युवक हंसराज को तुरंत 108 एंबुलेंस में शिफ्ट करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। करीब पौने दो घंटे का समय मौके पर जाया किया गया।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि 108 स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से हंसराज को नहीं उठाए जाने के बाद स्वारघाट थाने में तैनात एसएचओ समेत कुछ और पुलिस कर्मियों ने मौके पर जाकर घायल को एंबुलेंस में डाला। इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। लेकिन बाद में जाकर आईजीएमसी में उसकी मौत हो गई।
एसपी दिवाकर शर्मा ने बताया उन्होंने आज इस मामले में स्वारघाट थाने में तैनात एसएचओ और उनकी टीम को प्रशस्ति पत्र भी जारी किए हैं कि उन्होंने कोरोना महामारी के इस दौर में घायल हंसराज को मौके पर से उठाने में संभावित खतरे की भी परवाह नहीं की। तब तक हंसराज का कोरोना टेस्ट भी नहीं हुआ था।
ऐसे में पुलिस की ओर से उसे मौके पर से उठाकर एंबुलेंस में डाले जाने के इस साहसिक कार्य के लिए उन्होंने आज इन पुलिस कर्मियों को 1000 नगद इनाम और प्रशस्ति पत्र भी जारी किए हैं। दिवाकर शर्मा ने बताया कि इस मामले में तफ्तीश आगे बढ़ रही है और अगर इलाज में कोताही के आरोपों में कुछ और लोग भी आएंगे तो पुलिस उन्हें भी नहीं बख्शेगी। दिवाकर शर्मा ने बताया कि जल्द ही आरोपों के दायरे में आ रहे तमाम कर्मचारियों को पुलिस पूछताछ के लिए थाने में तलब करेगी।
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