Police Paper Leak Case : राजस्थान में कई जगह दबिश पर नहीं मिला आरोपित
Police Paper Leak Case हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर किसने लीक किया एसआइटी इसका लिंक नहीं ढूंढ पाई है। उधर हिमाचल पुलिस ने सोलन मामले के किंगपिन संदीप टेलर की गिरफ्तारी के लिए राजस्थान के कई ठिकानों पर दबिश दी है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Police Paper Leak Case, हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर किसने लीक किया, एसआइटी इसका लिंक नहीं ढूंढ पाई है। उधर, हिमाचल पुलिस ने सोलन मामले के किंगपिन संदीप टेलर की गिरफ्तारी के लिए राजस्थान के कई ठिकानों पर दबिश दी है। आरोपित की मां घर पर हैं। पत्नी शिक्षा विभाग में कार्यरत है, इसलिए फरार नहीं हुई है। लेकिन, मुख्य आरोपित भूमिगत हो गया है। उसकी हिमाचल और राजस्थान पुलिस लगातार तलाश कर रही है। उसने बिचौलयों वीरेंद्र कुमार, देवराज के माध्यम से पेपर के बदले लाखों रुपये लिए थे।
पहले शिकायतकर्ता पर ही लगाया अफवाह फैलाने का आरोप
सबसे पहले सोलन के अर्की में वाट्सएप चैट वायरल हुई थी। यह चैट 24 मार्च की थी, जबकि लिखित परीक्षा 27 मार्च को हुई। दो व्यक्तियों के बीच हुई चैट का जिस व्यक्ति ने खुलासा किया, पुलिस ने उस पर ही अफवाह फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था। अर्की क्षेत्र के छह सात शिकायतकर्ताओं की राज्य पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। इन्हें हाईकोर्ट के वकील निश्चय दत्त शर्मा, भानुप्रताप सिंह ने गाइड किया। उनके ही प्रयासों से युवाओं ने सोलन पुलिस के सामने जाने की हिम्मत की। शिकायतकर्ता गौरव को बनाया। 17 अप्रैल को एफआइआर दर्ज हुई थी। पहले जिस पर पुलिस शक कर रही थी, वो जांच में सही निकले। सोलन पुलिस पेपर लीक मामले में 22 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
हटाए जा सकेंगे भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष
भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष व गैर सरकारी सदस्यों को कभी भी निकाला जा सकेगा। श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा-शर्त विनियमन अधिनियम 2008 में संशोधन कर हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा-शर्तें विनियमन प्रथम संशोधन नियम 2022 लागू कर दिया है। इसमें किए गए संशोधन के तहत अध्यक्ष और गैर सरकारी सदस्यों का कार्यकाल नियुक्ति से तीन वर्ष का होगा। इसके साथ ही यह भी प्रविधान किया गया कि अध्यक्ष व गैर सरकारी सदस्यों को कभी भी हटाया जा सकेगा। ऐसे में अब अध्यक्ष और सदस्य कभी भी हटाए जा सकेंगे और उनके स्थान पर अन्यों को मौका दिया जा सकेगा।