आवाज नहीं पर बोलता है हुनर, दांतों से 100 किलोग्राम भार उठा लेते हैं पिंदी पहलवान
कुदरत ने भले ही उन्हें बोलने की क्षमता न दी हो लेकिन हुनर ऐसा है कि हर कोई दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो जाता है।
कुल्लू, कमलेश वर्मा। कुदरत ने भले ही उन्हें बोलने की क्षमता न दी हो लेकिन हुनर ऐसा है कि हर कोई दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो जाता है। उनकी बहुमुखी प्रतिभा को पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह से सम्मान भी मिल चुका है। ऐसी ही शख्सियत हैं कुल्लू जिले के मणिकर्ण से संबंध रखने वाले पिंदी पहलवान उर्फ टपिंद्र पाल। बेशक वह बोल नहीं सकते हैं लेकिन हुनर उनके अंदर कूट-कूटकर भरा हुआ है।
वह दांतों से 100 किलोग्राम तक का भार उठा लेते हैं, साथ ही चलती कार व ट्रैक्टर को रोकने में भी उन्हें महारत हासिल है। अपने शरीर के ऊपर बाइक व ट्रैक्टर चढ़ाने से भी वह नहीं डरते हैं। पिंदी पहलवान का जन्म पंजाब स्थित गुरु की नगरी आनंदपुर साहिब में हुआ है लेकिन वह हिंदू व सिखों की संगमस्थली मणिकर्ण में रहकर जीवनयापन कर रहे हैं। मणिकर्ण गुरुद्वारे के पास ही पिंदी पहलवान के भाई की दुकान है। वह भाई की साथ दुकान में हाथ बंटाने के साथ गुरुद्वारे में सेवाएं देते हैं।
ङ्क्षपदी के भाई के अनुसार वह बचपन से ही बोल नहीं सकते। वह इशारों में अपनी बात समझाते हैं और औरों की बातों को आसानी से समझ जाते हैं। हालांकि उम्र बढऩे के साथ वह पहले जैसे कार्य नहीं कर पाते हैं, लेकिन मणिकर्ण में पहले कहीं यदि गड्ढे में कोई कार फंस जाती थी तो उसे निकालने के लिए पिंदी पहलवान को बुलाया जाता था। पहलवानी में वह रोहतक के पहलवान देवमूर्ति को गुरु मानते हैं।
भाई ने बताया कि पिंदी सिर्फ पहलवानी तक ही सीमित नहीं रहे। बचपन से ही उन्हें दांतों से कुछ न कुछ उठाने का शौक रहा है। यही कारण है कि उनमें भार उठाने की क्षमता बढ़ती गई और आज भी 100 किलो तक का भार दांतों से उठाने में माहिर हैं। अपनी इस कला से वह सभी को हैरान कर देते हैं।
पहलवानी में कमाया नाम, मिल चुका है राष्ट्रीय सम्मान
पिंदी ने बचपन से पहलवानी में खूब नाम कमाया है। उन्होंने बड़े-बड़े पहलवानों के छक्के छुड़ाए हैं। यही कारण है कि पिंदी को पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने पहलवानी के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। इसके अलावा वह कई मेडल और पुरस्कारों से भी सम्मानित हो चुके हैं।
माचिस फिल्म में किया है काम
पिंदी को फिल्में देखने का भी बहुत शौक है। यही कारण है कि उन्होंने हिंदी फिल्म माचिस में भी छोटा सा किरदार निभाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इसके अलावा मुकेश खन्ना के साथ काम करने का भी अवसर मिला था। हालांकि जुबान न होने की वजह से वह इस क्षेत्र में आगे नहीं जा सके।