Move to Jagran APP

पदोन्नतियां न होने से उखडे़ फार्मासिस्ट

पदोन्नतियां न होने व बिना अधिसूचना जारी किए वरिष्ठ फार्मासिस्ट का पद समाप्त करने पर हिमाचल प्रदेश फार्मासिस्ट संघ ने नाराजगी जताई है।

By Edited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 07:03 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 10:26 AM (IST)
पदोन्नतियां न होने से उखडे़ फार्मासिस्ट
पदोन्नतियां न होने से उखडे़ फार्मासिस्ट

टांडा, जेएनएन। पदोन्नतियां न होने व बिना अधिसूचना जारी किए वरिष्ठ फार्मासिस्ट का पद समाप्त करने पर हिमाचल प्रदेश फार्मासिस्ट संघ ने नाराजगी जताई है। राज्य फार्मासिस्ट संघ के प्रधान अनिल सोनी, कार्यवाहक प्रधान विनोद भारद्वाज, वरिष्ठ उपप्रधान भारत भूषण चौहान, महासचिव हेम सिंह गुलेरिया, सन्नी डोगरा, अनीता राणा समेत अन्य फार्मासिस्टों ने यहां जारी बयान में बताया कि प्रदेश में आज फार्मासिस्ट दबाव व मानसिक तनाव में कार्य करने के लिए मजबूर है। 1986 के बाद इस वर्ग विशेष के वेतन व भत्ते के साथ साथ पदोन्नति नियमों में बदलाव के कारण इस वर्ग को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

loksabha election banner

वरिष्ठ फार्मासिस्ट का पद बिना नोटिफिकेशन समाप्त कर दिया गया है। इसके स्थान में सरकार ने फार्मासिस्टों को कोई अन्य लाभ भी नहीं दिया। इसकी क्षतिपूर्ति आज तक नहीं हो पाई है। एसीआर के कारण पदोन्नतियां रुक गई हैं। उन्होंने नाराजगी जताई कि 32 साल बाद भी फार्मासिस्टों की स्थिति दयनीय है। फार्मासिस्टों से ऐसे काम लिए जा रहे हैं जो उनके कार्यक्षेत्र से संबंधित नहीं होते। हाल ही में नूरपुर में फार्मासिस्टों को इलेक्ट्रिक जनरेटर ऑपरेट करने का आदेश थमा दिया गया था। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में ऐसे काम जिन्हें कोई करने को तैयार नहीं होता उन्हें फार्मासिस्टों पर थोप दिया जाता है। लेकिन जब लाभ देने की बारी आती है तो फार्मासिस्टों को दरकिनार कर दिया जाता है।

आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग में ऐसा वर्ग भी है जिसे 13 माह का वेतन और ढेरों भत्ते दिए जाते हैं, लेकिन जब काम की बारी आती है तो फार्मासिस्टों को आगे कर दिया जाता है। फार्मासिस्ट संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार से आग्रह किया है कि फार्मासिस्ट वर्ग पर भी ध्यान केंद्रित किया जाए। फार्मासिस्टों पर बढ़ते बोझ को ध्यान में रखते हुए पदों को बढ़ाया जाए व वित्तीय विसंगतियों को दूर किया जाए। भारत सरकार द्वारा 2015 में बनाए गए फार्मेसी प्रेक्टिस नियमों, जिनमें फार्मासिस्ट के कायरें को बताया गया है, को हिमाचल में भी लागू किया जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.