महिला ने पालकी में दिया बच्ची को जन्म, हिमाचल के इस गांव की कहानी जान आप भी होंगे हैरान
पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में विकास के चाहे जितने भी दावे किए जाते हों, लेकिन इन दावों के बीच अगर किसी महिला को पालकी में बच्ची को जन्म देना पड़ जाए तो इसे क्या कहा जाए।
आशीष पटियाल, शाहपुर। सरकार हर मंच से लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे हर मंच से करती है लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर हैं। विश्वास नहीं होता है तो हिमाचल प्रदेश के इस गांव को देख लिजिए। वैसे तो यह इलाका प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के हलके शाहपुर की कुठारना पंचायत का है। लेकिन यहां सड़क न होने से महिला को पालकी में ही बच्ची को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा। कुठारना पंचायत के डनन के टीका सेल निवासी आरती पत्नी मनोहर की डिलीवरी होनी थी।
सेल गांव सड़क से वंचित है। जिला कांगड़ा के तहत आने वाले इस गांव में रविवार को तबीयत बिगड़ने पर परिजन व अन्य ग्रामीण महिला को पालकी में उठाकर अस्पताल के लिए रवाना हुए, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही महिला ने पालकी में ही बच्ची को जन्म दिया। बड़ी बात यह है कि इससे पहले भी बीमारी के कारण समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण महिला के एक बच्चे की मौत हो चुकी है। रविवार को हुई इस घटना से लोगों में भारी रोष है।
बिना सड़क कई लोग गवां चुके हैं जान
इस दौरान आक्रोशित लोगों ने आपात बैठक कर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया। लोगों का कहना है कि सड़क न होने से चमियारा, सेल, दडंन व दुली के लगभग कई लोगों की मौत हो चुकी है। लोगों के अनुसार, वे पिछले 40 साल से सरकार व प्रशासन के समक्ष सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन आजतक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने सड़क बनाने की मांग के समर्थन में जुलाई 2018 में धरना भी दिया था, लेकिन सरकार ने इसे भी हल्के में लिया था।
अब चुनाव का करेंगे बहिष्कार
ग्रामीणों ने अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है। ग्रामीणों कमला, शक्ति शर्मा, मिलाप चंद, निर्मल कुमार, केवल कुमार, करतार चंद, विक्रम, नीरो, सविता, ममता, सुनीता व समस्या देवी ने कहा कि वे विकास से कोसों दूर है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है।