नूरपुर में बंदरों व बेसहारा पशुओं का आतंक
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संवाद सहयोगी, नूरपुर : नूरपुर शहर में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। डूंगा बाजार, मोहल्ला रामपुरी, विनय गली व कोर्ट रोड में हर समय बंदर देखे जा सकते हैं। बंदरों के हमले से नूरपुर शहर में एक पुरुष व महिला की जान तक जा चुकी है जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं। वहीं बेसहारा पशुओं ने भी लोगों का जीना मुश्किल किया हुआ है। नूरपुर शहर में दिनभर बेसहारा पशु घूमते रहते हैं व दुकानों के आगे रखे सामान को क्षति पहुंचा रहे हैं। लोगों ने प्रशासन से बंदरों व बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
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नूरपुर में बंदरों की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बाजार में लोगों व विशेषकर बुजुर्गों व बच्चों का चलना फिरना मुश्किल हो गया है। नगर परिषद को प्रशासन व वन विभाग से मिल कर समस्या का स्थायी हल करना चाहिए।
-अश्वनी सूरी, प्रधान व्यापार मंडल नूरपुर।
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नूरपुर शहर में बंदरों के हमलों से कई लोग घायल हो चुके हैं, लेकिन वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने की कोई योजना नहीं बनाई है। वन विभाग को प्रशासन व नगर परिषद के साथ मिलकर जल्द समस्या का समाधान करना चाहिए।
-अतुल गुप्ता, एडवोकेट नूरपुर।
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बंदरों के आतंक से नूरपुर शहर के लोग परेशान हैं। बच्चों को स्कूल आने जाने में बहुत परेशान होती है। कई लोग बंदरों के हमले से घायल हो चुके हैं। वन विभाग को तुरंत बंदरों की समस्या हल करनी चाहिए व बंदरों को पकड़ कर जंगलों में छोड़ना चाहिए।
-राजेश सहोत्रा, कर्मचारी नेता नूरपुर।
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मामला ध्यान में आया है। नगर परिषद जल्द ही प्रशासन व वन विभाग के साथ मिलकर बंदरों व बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाएगी।
-राखी कौशल, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद नूरपुर।