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हिमाचल में पहली बार सेब के मुकाबले नाशपाती चमकी, कोरोना संकट में बेहतर दाम मिलने से बागवान बाग-बाग

कोरोना संकट के बीच नाशपाती सेब से महंगी बिक रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि सेब के मुकाबले बागवानों को नाशपाती के उम्दा मिल रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 03:20 PM (IST)
हिमाचल में पहली बार सेब के मुकाबले नाशपाती चमकी, कोरोना संकट में बेहतर दाम मिलने से बागवान बाग-बाग
हिमाचल में पहली बार सेब के मुकाबले नाशपाती चमकी, कोरोना संकट में बेहतर दाम मिलने से बागवान बाग-बाग

मंडी, फरेंद्र ठाकुर। कोरोना संकट के बीच नाशपाती सेब से महंगी बिक रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि सेब के मुकाबले बागवानों को नाशपाती के उम्दा दाम मिल रहे हैं। सब्जी मंडी टकोली, बंजार, बालीचौकी, भुंतर, बंदरोल, बगस्याड़, छतरी सहित अन्य में नाशपाती 140 से 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है, जबकि ए ग्रेड नाशपाती का 20 किलो का डिब्बा 1800 से 2200 रुपये तक बिक रहा है। बी ग्रेड नाशपाती 80 से 100 रुपये के बीच में बिक रही है। नाशपाती के दाम ने पुराने रिकॉर्ड भी तोड़ दिए है। बागवानों को मेहनत का फल मिल रहा है।

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पिछले वर्ष सीजन के शुरू में नाशपाती का रेट 40 से 50 रुपये था लेकिन इस वर्ष दाम दोगुना हो गए हैं। मंडियों में 70 से 80 रुपये प्रतिकिलो ग्राम सेब बिक रहा है और बढिय़ा किस्म के सेब की पेटी 2000 रुपये में बिकी है। जिला के सराज, नाचन, करसोग सहित अन्य क्षेत्रों में नाशपाती की फसल तैयार है। बागवानों ने तुड़ान भी शुरु कर दिया है। विभिन्न मंडियों में प्रतिदिन नाशपाती से लदी कई जीपे पहुंच रही है। फल को देखकर दाम मिल रहे हैं।

1800 से 2200 में बिक रहा ए-ग्रेड नाशपाती का डिब्बा

जिला समेत अन्य राज्यों की मंडियों में ए ग्रेड नाशपाती का 20 किलो प्रति डिब्बा 1800 से 2200 रुपये तक बिक रहा है जबकि बी ग्रेड का 20 किलो का डिब्बा 1300 से 1500 रुपये के बीच में। अमूमन नाशपाती का सीजन जुलाई के अंतिम पखवाड़े में पीक पर होता है। इस बार श्रमिक न होने से बागवानों ने स्वयं स्थानीय मजदूरों की सहायता से नाशपाती का तुड़ान किया है।

फसल कम, मिल रहे चौखे दाम

जिला में इस बार नाशपाती की फसल कम है। पहले एक पेड़ से जहां नाशपाती की दो क्रेट निकलते थे, जो अब एक तक ही समिति है। ओलावृष्टि से फसल प्रभावित हुई है। इसलिए फसल के चौखे दाम मिल रहे हैं। इससे बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है।

अन्‍य राज्‍यों में नाशपती की अधिक मांग

इस साल नाशपाती की फसल कम है। मांग अधिक होने के कारण अच्छे दाम मिल रहे हैं। प्रतिदिन मंडियों में कई जीपें पहुंच रही है। अन्य राज्यों में नाशपाती की अधिक मांग रहती है। दाम भी अच्छे मिल रहे हैं। -चंद्रमणि प्रधान सब्जी मंडी टकोली।

ओलावृष्टि से फसल प्रभावित

नाशपाती का सीजन शुरू हो गया है। बागवान तुड़ान में जुट गए हैं। इस बार ओलावृष्टि से फसल प्रभावित हुई है।

-डॉ. अशोक धीमान, उपनिदेशक बागवानी विभाग मंडी।


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