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अब मुख्यमंत्री राहत कोष में ऑनलाइन कर सकेंगे दान, पेटीएम गेट-वे से जुड़ सकती है सरकार

ऑनलाइन भुगतान करने के लिए पेटीएम कंपनी अब सरकार के पास पहुंची है। कंपनी मुख्यमंत्री राहत कोष को पेटीएम से जोडऩा चाहती है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 12:47 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 03:03 PM (IST)
अब मुख्यमंत्री राहत कोष में ऑनलाइन कर सकेंगे दान, पेटीएम गेट-वे से जुड़ सकती है सरकार
अब मुख्यमंत्री राहत कोष में ऑनलाइन कर सकेंगे दान, पेटीएम गेट-वे से जुड़ सकती है सरकार

शिमला, प्रकाश भारद्वाज। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री राहत कोष गरीब लोगों को सहारा देता है। अस्पतालों में होने वाले भारी भरकम खर्च का भुगतान करने के लिए सरकार हमेशा तत्परता दिखाती है। प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों के पुनर्वास के लिए भी राहत कोष सहायता प्रदान करने का माध्यम है। लेकिन ऑनलाइन पेमेंट के जमाने में सरकार को ऑफलाइन भुगतान होता है। इसका नतीजा यह है कि हिमाचल में मुख्यमंत्री राहत कोष में पर्याप्त राशि एकत्रित नहीं होती है।

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ऑनलाइन भुगतान करने के लिए पेटीएम कंपनी अब सरकार के पास पहुंची है। कंपनी मुख्यमंत्री राहत कोष को पेटीएम से जोडऩा चाहती है। एक पखवाड़ा पहले पेटीएम कंपनी की ओर से राज्य सरकार को ई-मेल की गई थी। इसमें सरकार से पेटीएम गेट-वे से जुडऩे की इच्छा जाहिर की गई थी। कई राज्यों की सराकर ने पेटीएम जैसी ऑनलाइन प्रणाली का सहारा लिया है। बिहार, मध्य प्रदेश, असम व हरियाणा में पेटीएम मुख्यमंत्री राहत कोष पेमेंट गेट-वे के साथ जुड़ा है।

चेक की जरूरत नहीं

अभी कोई व्यक्ति अंशदान करना चाहता है तो उसे चेक काटना पड़ता है। राहत कोष में योगदान करने के लिए ड्राफ्ट बनाना पड़ता है। हालांकि लोग चाहें तो मुख्यमंत्री राहत कोष में ऑनलाइन इच्छानुसार राशि जमा करवा सकते हैं। लेकिन ऑनलाइन भुगतान की यह प्रणाली लोकप्रिय नहीं हो पाई है। वहीं, पेटीएम के जरिये एक क्लिक से दान दिया जा सकता है। इससे देश-विदेश में रहने वाले लोग तुरंत सरल और सुरक्षित तरीके से अंशदान कर सकते हैं। अंशदान के लिए चेक की जरूरत नहीं होगी। मुख्यमंत्री राहत कोष में न्यूनतम 10 रुपये भी गरीबों की मदद के लिए दिए जा सकते हैं। 

पेटीएम कंपनी ने सरकार से संपर्क कर मुख्यमंत्री राहत कोष को पेटीएम से जोडऩे की इच्छा जाहिर की है। पेटीएम कंपनी अपने ग्राहकों से दान देने की अपील करती है। इस तरह के प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। -नरेश कुमार शर्मा, उपसचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय।

यह अच्छी बात है कि पेटीएम कंपनी सामाजिक सरोकार को फलीभूत करने के लिए सरकार के साथ जुडऩा चाहती है। आधिकारिक बैठक शीघ्र बुलाई गई है जिसमें एनआइसी के अधिकारियों के साथ चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा। राहत कोष में आने वाली राशि से गरीब परिवारों की मदद होती है। -डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मुख्य सचिव।


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