पटवारी परीक्षा पर विवाद: धीरा में हंगामा करने वालों पर होगी एफआइआर, जानिए और कहां दिखी अव्यवस्था
Patwari Written Examination जिला कांगड़ा धीरा में स्थित परीक्षा केंद्र में बवाल हो गया। परीक्षार्थी देरी से प्रश्न पत्र देने का आरोप लगाकर बाहर आ गए।
धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश में पटवारी के 1194 पदों के लिए हो रही भर्ती की लिखित परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई। इसके लिए हर जिला का प्रशासन पूरी तरह तैयार था। लेकिन जिला कांगड़ा धीरा में स्थित परीक्षा केंद्र में बवाल हो गया। परीक्षार्थी देरी से प्रश्न पत्र देने का आरोप लगाकर बाहर आ गए। पूरे विवाद के बाद जिला प्रशासन ने हुड़दंग मचाने वाले युवाओं के खिलाफ एफआइआर करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कुछ अभ्यर्थियों ने आंसर शीट भी फाड़ दीं व कुछ अपने साथ लेकर बाहर चले गए। मौके पर पहुंचे एसडीएम धीरा संजीव कुमार ने माहौल शांत करने की कोश्ािश की। लेकिन बात नहीं बन पाई। एसडीएम व पुलिस टीम मौके पर पहुंचे।
बताया जा रहा है स्टाफ ने कुछ अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र बांट दिए व उन्होंने परीक्षा शुरू भी कर दी, जबकि अन्यों को प्रश्न पत्र नहीं दिए। इस पर युवा भड़क उठे और परीक्षा केंद्र से बाहर चले गए। युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। बताया जा रहा है स्टाफ से सीरीज वाइज प्रश्न पत्र बांटने में कुछ गड़बड़ हो गई, इससे पहले की वह गलती को सुधारते माला बिगड़ गया। परीक्षा केंद्र में 500 परीक्षार्थी बैठे थे।
इसके अलावा पालमपुर के अरला व बाबा बड़ोह के एरला में स्थापित परीक्षा केंद्र को लेकर भी अभ्यर्थियों में विवाद रहा। नाम एक जैसे होने के कारण अभ्यर्थी धोखा खा बैठे व एक-दूसरे परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए। इसके अलावा शिमला में भी परीक्षा केंद्र को लेकर विवाद हुआ। शिमला में एचपीयू में कट लिस्ट में नाम न होने पर दस युवाओं को वहां से 25 किलोमीटर दूर केंद्र में परीक्षा देने का आदेश दे दिया गया। इस कारण वह तय समय के बीच परीक्षा केंद्र पर नहीं पहुंच पाए।
परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर बिल्कुल प्रतिबंध रहा। किसी भी तरह का सामान व खाली बैग भी परीक्षा हाल से बाहर रखवा दिए गए। पटवारी के इन पदों के लिए प्रदेशभर से तीन लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। प्रशासन परीक्षा के सफल आयोजन के लिए कई दिनों से कसरत कर रहा था। परीक्षा के लिए 1188 केंद्र बनाए गए थे। हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस के जवान तैनात रहे। प्रशासन भी लगातार गश्त करता रहा।