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सिर्फ दवाएं लिखने तक सिमटा अस्पताल

क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला की टैस्ट लैव में पिछले एक सप्ताह से टैस्ट नहीं हो पा रहे जिसके चलते अस्पताल में आये रोगियों और तामीरदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इस समस्या ने अस्पताल के प्रशासन और व्यवस्था

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 06:20 AM (IST)
सिर्फ दवाएं लिखने तक सिमटा अस्पताल
सिर्फ दवाएं लिखने तक सिमटा अस्पताल

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : पहले से ही डॉक्टरों की मार झेल रहा क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला पिछले एक सप्ताह से नाममात्र का हॉस्पिटल बनकर रह गया है और मशीनें शोपीस बन गई हैं। अस्पताल की लैब में बायो केमिस्ट्री मशीन खराब होने से किसी भी बीमारी की टेस्ट नहीं हो रहे हैं और मरीजों को हर रोज समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है।

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अस्पताल प्रशासन को भी हर रोज इससे हजारों रुपयों का नुकसान हो रहा है। इसे दुरुस्त करवाने की ओर किसी का ध्यान नहीं है। अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। अस्पताल की लैब की बायो केमिस्ट्री मशीन पिछले एक सप्ताह से बंद पड़ी है। ऐसे में शुगर, किडनी, लीवर व हृदय रोग से संबंधित कोई टेस्ट नहीं हो रहे हैं। बड़ी बात तो यह है कि मशीन खराब होने से गर्भवती महिलाओं के टेस्ट अस्पताल प्रशासन ने बंद कर दिए हैं। ऐसे में मुख्य बीमारियों से ग्रस्त व गर्भवती महिलाओं को धर्मशाला की बजाए टांडा का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। चितनीय यह है कि लैब से प्रशासन को हर रोज करीब 40 से 50 हजार रुपये की आमदनी होती है। टेस्ट न होने से अस्पताल प्रशासन को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। अस्पताल में प्रतिदिन 200 से 250 लोग मुख्य बीमारियों के टेस्ट करवाते हैं। बुधवार को टेस्ट करवाने आए राम सिंह, अक्षय, सुनीता, अमित, कर्मचंद, पूर्ण चंद व निर्मला देवी ने कहा कि सुबह 10 बजे से लाइनों में लगकर ओपीडी में जांच करवाई। घंटों इंतजार करने के बाद डॉक्टरों ने टेस्ट लिखे हैं तो पता चला कि यहां तो टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं। इतने बड़े अस्पताल में इस तरह के टेस्ट न होने से सारा दिन खराब हो गया है।

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यह है पदों की स्थिति

धर्मशाला अस्पताल में डॉक्टरों व विशेषज्ञों के कुल 37 स्वीकृत हैं और इनमें मौजूदा समय में 27 भरे हैं, जबकि शेष खाली हैं। गायनी, मेडिसिन, मनोचिकित्सक व ऑर्थो के मुख्य डॉक्टरों के पद रिक्त हैं। निदेशालय को समस्या से अवगत करा दिया है तथा मैकेनिक को बुलाया है ताकि शीघ्र समस्या को दूर कर टेस्ट प्रकिया को सुचारू रूप से चलाया जा सके।

-डॉ. दिनेश महाजन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, क्षेत्रीय चिकित्सालय, धर्मशाला


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