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जेनेटिक क्लीनिक सॉफ्टवेयर बताएगा मरीज की हिस्ट्री, फोटो देखकर चलेगा आनुवांशिक रोगों का पता; जानिए

Genetic Clinic Software असाध्य व आनुवांशिक रोग अब पहेली नहीं रहेंगे। व्यक्ति का फोटो अब ऐसे रोगों के राज खोलेगा।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 09:16 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 08:48 AM (IST)
जेनेटिक क्लीनिक सॉफ्टवेयर बताएगा मरीज की हिस्ट्री, फोटो देखकर चलेगा आनुवांशिक रोगों का पता; जानिए
जेनेटिक क्लीनिक सॉफ्टवेयर बताएगा मरीज की हिस्ट्री, फोटो देखकर चलेगा आनुवांशिक रोगों का पता; जानिए

मंडी, हंसराज सैनी। असाध्य व आनुवांशिक रोग अब पहेली नहीं रहेंगे। व्यक्ति का फोटो अब ऐसे रोगों के राज खोलेगा। इससे शोध में लगे विशेषज्ञों, चिकित्सकों के साथ-साथ मरीजों को राहत मिलेगी। मरीजों की हिस्ट्री लिखने के लिए चिकित्सकों को समय बर्बाद नहीं करना पड़ेगा, न ही फाइलें खंगालनी होंगी। जेनेटिक क्लीनिक सॉफ्टवेयर अब इन सभी समस्याओं का समाधान करेगा। मरीज के डाटा का उचित प्रबंधन होगा। शोधकर्ताओं व चिकित्सकों को विदेशी डाटा पर निर्भर नहीं रहना होगा।

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधकर्ताओं की देखरेख में स्टार्टअप के तहत काम कर रही जेनेटिको रिसर्च एंड डायग्नॉस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने जेनेटिक क्लीनिक सॉफ्टवेयर विकसित किया है। देशभर में अब भी नाममात्र की जेनेटिक क्लीनिक व विशेषज्ञ हैं। बीमारी के निदान, उपचार व डाटा ऑनलाइन करने की कोई व्यवस्था नहीं है।

ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर

जेनेटिक क्लीनिक में काम करने वाले चिकित्सकों को सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाया जाएगा। बीमारी के लक्षण दर्ज करने पर सॉफ्टवेयर शोधकर्ता व चिकित्सक को बीमारी के निदान में मदद करेगा। मोबाइल फोन पर एक एप उपलब्ध रहेगा। चिकित्सक मरीज के चेहरे के फोटो एप के माध्यम से सॉफ्टवेयर में ट्रांसफर करेगा। सॉफ्टवेयर फोटो का अध्ययन कर बीमारी की जानकारी देगा। सॉफ्टवेयर से टेलीजेनेटिक क्लीनिक शुरू करने में मदद मिलेगी। देश के किस चिकित्सक को उस बीमारी का उपचार करने की महारत है, सॉफ्टवेयर के माध्यम से उससे संपर्क किया जा सकेगा। मरीज को भी ऑनलाइन सुविधा मिलेगी। उसे उपचार के लिए बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।

क्या होते हैं आनुवांशिक रोग?

जो रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होते हैं उन्हें आनुवांशिक रोग कहते हैं। ये रोग डीएनए में गड़बड़ी के कारण होते हैं।

असाध्य व आनुवांशिक रोग विशेषज्ञों की संख्या देश में बहुत कम है। इन बीमारियों के शीघ्र निदान के लिए आधुनिक तकनीक व डाटा ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। आइआइटी की देखरेख में अगर शोधकर्ताओं ने कोई सॉफ्टवेयर विकसित किया है तो वह निश्चित रूप से सबके लिए मददगार साबित होगा। -डॉ. राजेश भवानी, विभागाध्यक्ष मेडिसिन लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक।

असाध्य (रेयर) व आनुवांशिक रोगों के निदान और अनुसंधान में लगे विशेषज्ञों और संस्थानों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया है। यह भारतीय नियामकों के अनुसार मरीज के डाटा का प्रबंधन करेगा। जेनेटिक क्लीनिक के कामकाज से जुड़ी क्षमताएं प्रदान करेगा। -अर्जुन गुप्ता, सीईओ जेनेटिको रिसर्च एंड डायग्नॉस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड।


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