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चुनावी मुद्दा : पैराग्लाइडिंग साइटें विकसित करने के दावे हवा

Paragliding site not development पैराग्लाइडिंग जैसी साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए न तो सरकार और न ही प्रशासन की ओर से आज दिन तक कोई पहल की गई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 12:46 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 12:46 PM (IST)
चुनावी मुद्दा : पैराग्लाइडिंग साइटें विकसित करने के दावे हवा
चुनावी मुद्दा : पैराग्लाइडिंग साइटें विकसित करने के दावे हवा

धर्मशाला, मुनीष गारिया। हवाबाजी के खेल यानी पैराग्लाइडिंग के लिए विश्वभर में मशहूर कांगड़ा जिले में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए न तो सरकार और न ही प्रशासन की ओर से आज दिन तक कोई पहल की गई है। हालांकि उपमंडल बैजनाथ की बिलिंग साइट में पैराग्लाइडिंग वल्र्ड कप हो चुका है। यहां आए दिग्गज पायलट दावा कर चुके हैं कि पैराग्लाइडिंग के लिए बिलिंग से बेहतर विश्व में और कोई भी साइट नहीं है। प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष घोषणा की थी कि त्रियुंड, देहरा और चंबा के खजियार में पैराग्लाइडिंग की साइटें विकसित की जाएंगी ताकि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके, लेकिन ये दावे अभी तक धरातल स्तर पर नहीं उतरे हैं। धरातल पर अभी सिर्फ दो ही साइटें हैं, इनमें से एक बीड़ बिलिंग और दूसरी इंद्रुनाग साइट है।

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इन दोनों को इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने ही विकसित किया है और इसमें सरकार और प्रशासन का कोई योगदान नहीं है।  अगर कुछ योगदान है तो बार-बार इन्हें प्रतिबंधित करने का। ऐसा भी नहीं है कि हवाबाजी के खेल का शौक करने वालों की यहां कमी है। जब भी पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिताएं होती हैं तो सैकड़ों पायलट बिङ्क्षलग पहुंचे हैं। इस समय 239 पायलटों ने पर्यटन विभाग से उड़ाने भरने का लाइसेंस प्राप्त किया है। 200 पायलट बिलिंग साइट से जुड़े हैं, जबकि 23 इंद्रुनाग साइट में काम करते हैं।

बिलिंग साइट से लाखों की घास गायब

बिलिंग साइट में हर साल हजारों पायलट और पर्यटक आते हैं। पायलट अभ्यास करते हैं, जबकि पर्यटक टेंडम फ्लाइट भरते हैं। वर्तमान में इस साइट की दशा अच्छी नहीं है। वर्ष 2015 में हुए वल्र्ड कप के समय टेक ऑफ साइट में लाखों की लागत से लगाई घास गायब हो गई है। विश्वकप के दौरान यहां एक साथ कई पायलटों के उड़ान भरने की सुविधा को देखते हुए प्राकृतिक रूप से बनी घाटी की टेक ऑफ प्वाइंट को एक भाग में मिट्टी डालकर बड़ा किया गया था। उस समय यहां बाहरी राज्यों से लाखों की लागत से हरी घास लगाई गई थी। हैरानी की बात है कि छह माह बाद ही घास गायब हो गई है।

विवादित रही है इंद्रुनाग साइट

2012 के बाद धर्मशाला स्थित इंद्रुनाग साइट से टेंडम फ्लाइट शुरू की गई थी लेकिन साइट शुरू होने के कुछ ही समय बाद यहां एक स्थानीय पायलट की दुर्घटना में मौत हो गई और साइट को प्रतिबंधित कर दिया। इसके बाद कई सालों तक यह साइट विवादित ही रही। अब पिछले दो साल से साइट में नियमित उड़ानें हो रही हैं और करीब 23 युवा रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।

बिलिंग में हो चुके हैं अंतरराष्ट्रीय आयोजन

वर्ष 2003 से अब तक बिलिंग साइट में कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय आयोजन हो चुके हैं। 2003 में यहां पहली बार पैराग्लाइडिंग प्री वल्र्ड कप हुआ था। इसके अलावा अबतक छह बार प्री-वल्र्डकप, दो बार एक्यूरेसी कप और 2015 में वल्र्ड कप हो चुका है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर का आयोजन हर साल होता है।

1500 रुपये में होती है टेंडम फ्लाइट

पंजीकृत पायलट पर्यटकों को टेंडम फ्लाइट करवाकर आजीविका कमाते हैं। पायलट अपने साथ एक पर्यटक को पैराग्लाइडर में बिठाता है और टेक ऑफ बोर्ड से लैंडिंग साइट पहुंचने तक करीब 20 से 30 मिनट हवा में सैर करवाता है। एक उड़ान में प्रति व्यक्ति 1500 रुपये लिए जाते हैं।

चंबा में अवैध रूप से हो रही टेंडम फ्लाइट

सरकार ने त्रियुंड, देहरा व चंबा के खजियार में साइट तलाश करने की घोषणा की है। हैरानी की बात यह है कि साइटों के निरीक्षण के लिए तकनीकी कमेटियां तक नहीं बनाई गई हैं। ऐसे में चंबा के खजियार में लोग अवैध रूप से ही टेंडम फ्लाइट करवा रहे हैं। पिछले सप्ताह प्रशासन ने खजियार में अवैध रूप से टेंडम फ्लाइट करवा रहे चार पायलटों को पकड़ा है।

वैसे तो यहां दो साइटें हैं, लेकिन इनकी हालत भी अच्छी नहीं है। इंद्रुनाग साइट की बात की जाए तो यहां की पुरानी लैंडिंग साइट के आसपास निर्माण कार्य चल रहे हैं और इस कारण लैंडिंग करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में पायलटों ने अपने स्तर पर अलग लैंडिंग साइट किराये पर ली है। -मुनीष कुमार।

आजकल युवाओं का साहसिक गतिविधियों की ओर रुझान है। अगर सरकार की ओर से प्रयास किए जाएं तो युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकता है। कांगड़ा घाटी को पैराग्लाइडिंग की दृष्टि से बहुत अधिक विकसित किया जा सकता है। -अंकित धीमान।

कांगड़ा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है। यहां आने वाले पर्यटक पैराग्लाइङ्क्षडग का शोक रखते हैं, लेकिन साइटें कम हैं। सरकार को चाहिए कि पैराग्लाइडिंग को बढ़ावा देकर पर्यटकों को और अधिक बढ़ाए। -मनु हयूंरी।

सिर्फ दो साइटें होने से कुछ नहीं होगा। अगर युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है तो साइटों को विकसित करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। -सागर।

यह बात सही है कि कांगड़ा के युवाओं का पैराग्लाइडिंग की ओर रुझान बढ़ा है। नई साइटों का अभी तक निरीक्षण होना है और उसके बाद ही यहां पैराग्लाइडिंग की साइटें शुरू होंगी। -डॉ. मधु चौधरी, उपनिदेशक पर्यटन विभाग।


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