मां ज्वाला के दर फुटपाथ की दरकार
-शक्तिपीठ होने के कारण बढ़ जाती है लोगों की आवाजाही -सड़क पर चलने को मजबूर हैं श्रद्धालु व राहगीर मुद्दा ... संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्रीज्वालामुखी में जहां हजारों श्रद्धालुओं की आवाजाही अधिक रहने के कारण व्यस्तता रहती है। बावजूद इसके यहां पर सड़कें भी तंग है और अन्य समस्याओं के साथ-साथ फुटपाथ का न
संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी : विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी में जहां हजारों श्रद्धालुओं की आवाजाही अधिक रहने के कारण व्यस्तता रहती है। यहां पर सड़कें भी तंग हैं और अन्य समस्याओं के साथ-साथ फुटपाथ का न होना भी अखरता है। कुछेक स्थानों पर ही फुटपाथ हैं जहां पर खड़े होकर लोग सामान खरीद सकते हैं या फिर बढ़ते यातायात से बचने के लिए चल-फिर सकते हैं। ज्वालामुखी बस अड्डे के पास तो स्थिति सबसे विकराल है। यहां पर चौराहा है और हर तरफ से यातायात चलता है। वाहनों का प्रेशर सबसे ज्यादा यहां पर ही है। यहां पर चौराहे के अलावा दो कार पार्किंग, बस स्टैंड व मुख्य मंदिर मार्ग हैं जिस वजह से यहां पर पैदल चलना भी कई बार मुश्किल हो जाता है। फुटपाथ न होने के कारण कई बार दुर्घटनाओं का भी लोगों को शिकार होना पड़ता है।
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फुटपाथ का होना जरूरी है। यहां पर साल में तीन नवरात्र व गर्मियों का दो माह का सीजन होता है, जिसमें यात्रियों को फुटपाथ के अभाव में दिक्कतें होती हैं।
-राजेश शर्मा, पूर्व प्रधान।
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बस अड्डे के पास दुर्घटनाएं होने का कारण यहां पर फुटपाथ का न होना है। प्रशासन व नगर परिषद सड़क के दोनों किनारों पर फुटपाथ बनाए।
-नितिन, व्यवसायी
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शहर को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए मंदिर न्यास व नगर परिषद को साझा कार्यक्रम बनाकर प्रशासन की मदद से शहर के हर वार्ड में बेहतर फुटपाथ होना जरूरी है।
-महेश शर्मा, पूर्व अधिकारी।
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शहर में कुछ सड़कों पर फुटपाथ तो है परंतु कुछ दुकानदारों व रेहड़ी फड़ी वालों ने दबा रखे हैं। कई बार खाली करवाए परंतु वे फिर बैठ जाते हैं जिस वजह से लोगों को सड़क पर पैदल चलना पड़ता है। इसका कई बार परिषद ने सख्त कदम उठाकर संज्ञान भी लिया है।
-देसराज चौधरी, नप कार्यकारी अधिकारी।