हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने रोकी जियो टीवी मोबाइल एप पर पढ़ाई, जानिए पूरा मामला
Jio TV Mobile App जियो टीवी मोबाइल ऐप और जियो सावन रेडियो के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ गया है।
शिमला, जागरण संवाददाता। जियो टीवी मोबाइल ऐप और जियो सावन रेडियो के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ गया है। रिलायंस जियो के साथ करार होने के एक महीने बाद भी यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है। पढ़ाई शुरू होना तो दूर अभी तक पाठ्यक्रम की टेस्टिंग का काम भी अधर में पड़ा हुआ है। इसका कारण समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) में कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव आना है। एसएसए में 5 कर्मचारी व अधिकारी कोरोना पॉजिटिव आए हैं। जियो टीवी के लिए वीडियो लेसन तैयार करने का कार्य देख रहा अधिकारी पिछले सप्ताह कोरोना पॉजिटिव आया था।
एहतियात के तौर पर उसी ब्रांच में उनके सहयोगियों को भी होम क्वारंटाइन कर दिया गया है। इसके अलावा कंपनी के जो अधिकारी इस प्रोजेक्ट को देख रहे थे, उनकी टीम में भी कुछ कोरोना पॉजिटिव आए थे। इस कारण प्रोजेक्ट में देरी हुई है। कोरोना के लगातार आ रहे मामलों के बाद एसएसए के कई कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन किया गया है।
बच्चों को मिलनी थी सुविधा
एसएसए ने ऑनलाइन पढ़ाई में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए रिलायंस जियो के साथ एमओयू साइन किया था। इसके तहत शिक्षा विभाग का कार्यक्रम हर घर पाठशाला अब मोबाइल एप जियो टीवी और जियो सावन पर चलना था। जियो टीवी पर वीडियो प्रसारण किया जाना था, जबकि जियो सावन पर ऑडियो लेक्चर प्रसारित किए जाने हैं। समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा रिलायंस जियो इनफोकॉम लिमिटेड के साथ किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत बच्चे मोबाइल फोन पर कभी भी इस रिपीट टेलीकास्ट देख सकते हैं। यानी पढ़ाई का वीडियो प्रसार दिन में किसी भी समय देखा जा सकता था। दिन में तीन बार प्रसारण रिपीट होगा और इसके अलावा सात दिन तक कोष में मौजूद रहेगा।
ग्रुप चैट और वेबिनार की भी सुविधा
हिमाचल में जियो के 35 लाख उपभोक्ता हैं। जियो का प्रदेश में नेटवर्क काफी अच्छा है। ऐसे में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। इसमें छात्रों के लिए जियो चैट, जियो मीट प्लेटफॉर्म के तहत लाइव सेशन, वेबिनार, वर्चुअल क्लास, ग्रुप चैट की भी सुविधा मिलनी थी।
जल्द शुरू होगा प्रोजेक्ट
राज्य परियोजना निदेशक एसएसए आशीष कोहली का कहना है जियो टीवी मोबाइल ऐप के माध्यम से बच्चे जल्द ही पढ़ाई कर सकेंगे। एसएसए के जो कर्मचारी इस प्रोजेक्ट को देख रहे हैं, वह कोरोना पॉजिटिव हैं। इस कारण इसमें कुछ देरी हुई है। जल्द ही इसे शुरू कर दिया जाएगा।