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फौजी की आइडी दिखाकर विश्‍वास में लिया और फ‍िर लगा दी मोटी चपत, राजस्‍व कर्मचारी से ठगी

ऑनलाइन सस्ती गाड़ी खरीदने के चक्कर में राजस्व विभाग का एक कर्मचारी 46 हजार रुपये की ठगी का शिकार हो गया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 12:37 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 03:58 PM (IST)
फौजी की आइडी दिखाकर विश्‍वास में लिया और फ‍िर लगा दी मोटी चपत, राजस्‍व कर्मचारी से ठगी
फौजी की आइडी दिखाकर विश्‍वास में लिया और फ‍िर लगा दी मोटी चपत, राजस्‍व कर्मचारी से ठगी

चंबा, जागरण संवाददाता। ऑनलाइन सस्ती गाड़ी खरीदने के चक्कर में राजस्व विभाग का एक कर्मचारी 46 हजार रुपये की ठगी का शिकार हो गया। गाड़ी बेचने वाले शातिर ने फौजी की आइडी दिखाकर उसे विश्वास में लिया। इसके बाद एडवांस में रुपये ले लिए लेकिन गाड़ी नहीं मिली। पीडि़त ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज करवा दी है, जिसके बाद पुलिस छानबीन में जुट गई है।

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शिकायतकर्ता ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसने 16 जनवरी को एक वेबसाइट पर गाड़ी खरीदने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवाई थी। शातिरों ने उसे जल्द से जल्द गाड़ी की चंबा में डिलीवरी करने की बात कही। 16 जनवरी को कंपनी की ओर से रंजीत नामक व्यक्ति का फोन आया और उसे 46,000 रुपये डिलीवरी चार्ज देने के लिए कहा। रंजीत द्वारा बताए बैंक खाते में उसने 46,000 रुपये जमा करवा दिए, लेकिन आज दिन तक उसे वाहन नहीं मिला है। साथ ही कंपनी के कर्मचारी रंजीत से भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।

इस तरह करते हैं ठगी

ऑनलाइन बेवसाइट पर महंगे मोबाइल फोन, दोपहिया वाहन व चार पहिया बेचने के लिए विज्ञापन दिया जाता हैैं। इसमें बेचने वाले का मोबाइल नंबर रहता है। लोग जब उक्त नंबर पर संपर्क करते हैं तो कुछ शातिर खुद को आर्मी, सीआइएसएफ कर्मचारी बताकर भरोसा जीत लेते हैं। उन्हें अपने फर्जी आइडी कार्ड, फर्जी बिल भी भेजते हैं। इसके बाद शातिरों के बताए खातों में पैसा जमा करने के लिए कहा जाता है। बाद में उन्हें बताया जाता है कि आपका सामान कोरियर कर दिया है। कोरियर की भी फर्जी रसीद वाट््सएप पर भेजी जाती है। बाद में नए नंबर से फोन करके खुद को कोरियर कर्मचारी बताकर कहा जाता है कि आपका सामान ऑफिस में आ गया है। इसके बाद बाकी पैसा ई वॉलेट या खाते में ऑनलाइन जमा करने के लिए दबाव बनाया जाता है। पूरा पैसा मिलने पर फोन बंद कर लिया जाता है।

सस्ते के चक्कर में न पड़ें

एसपी डॉ. मोनिका ने कहा कि लोगों को सोशल मीडिया पर जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए। पूरी तरह से जांच के बाद ही किसी तरह की ट्रांजेक्शन करें। जरूरी नहीं कि जो सामान बताया गया है, वह उसी कीमत में मिलेगा। लालच में पड़कर लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। जरा-सी भी शंका होने पर कोई लेनदेन न करें। सामान खरीदने के साथ बेचते समय भी पूरी सावधानी रखें। ऑनलाइन ठगी करने वालों से सावधान रहें और बिना सत्यापन कर किसी अनजान के खाते में रुपये ट्रांसफर न करें।   

इन बातों का रखें ध्यान

  • जिस फोन नंबर से आपका बैंक खाता जुड़ा हो, उस पर आए किसी मैसेज के ङ्क्षलक पर क्लिक न करें।
  • पैसों के लेनदेन के लिए आए मैसेज को ध्यान से पढ़ें क्योंकि उसमें अंग्रेजी में पैसे डेबिट होने की बात होती है।
  • अगर आप ओएलएक्स पर कोई सामान का विज्ञापन देते हैं तो अपने नंबर को हाइड रखें।
  • अगर कोई बात करनी है तो वाट््सएप पर चैट करने के बजाय कोशिश करें कि ओएलएक्स ऐप पर ही चैट हो।
  • अगर फोन बैंकिंग नंबर दें तो जरूर ध्यान रखें कि पैसे मंगाते समय रिक्वेस्ट मनी मैसेज की जरूरत नहीं होती है।

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