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महंगाई की पटरी पर सेब से आगे निकला प्याज, एक महीने में आया जबरदस्‍त उछाल

Onion Rate Hike instead of Apple हिमाचल प्रदेश में प्याज के भाव अब सेब से भी ऊपर निकल गए हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 02:21 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 02:21 PM (IST)
महंगाई की पटरी पर सेब से आगे निकला प्याज, एक महीने में आया जबरदस्‍त उछाल
महंगाई की पटरी पर सेब से आगे निकला प्याज, एक महीने में आया जबरदस्‍त उछाल

ऊना, राजेश डढवाल। सवाल जायके का तो है लेकिन साथ ही जेब का भी है। प्याज का रस आंखें साफ करता है लेकिन इसकी कीमतों में आए उछाल को देखें तो जेब भी इस रस को महसूस करने लगी है। और तो और, कीमतों में सेब से भी आगे निकलने लगा है। प्याज की कीमतें हर साल की तरह इस बार फिर तमतमाने लगी हैं। भाव ने एक बार फिर बड़ी छलांग लगाई है। पिछले साल भी इन्हीं दिनों में प्याज को लेकर घमासान हुआ था।

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दामों में आए उछाल ने आम आदमी को परेशान कर दिया है। प्याज के थोक के भाव मंडी में 50 रुपये जबकि फुटकर भाव 70 से 80 रुपये तक पहुंच गए हैं। प्याज के भाव अब सेब से भी ऊपर निकल गए हैं। इस बार प्याज की कीमत कहां जाकर रुकेगी, यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन पिछले कुछ दिन से जिस तरह प्याज की कीमत बढ़ती जा रही है, ऐसे में आने वाला समय आम आदमी की जेब पर भारी असर डालेगा। गृहिािण्यां प्याज का छोंक लगाने से परहेज करने लगी हैं। कीमत यूं ही बढ़ती रही तो आम आदमी की रसोई में प्याज दिखाई नहीं देगी।

एक महीने में 10 गुना उछला प्याज

करीब एक माह पहले 10 से 12 रुपये किलो बिकने वाले प्याज के भाव अब रंग दिखाने लगे हैं। इसके पीछे मुख्य वजह प्याज का स्टॉक और बारिश का सीजन बताई जा रही  है। ऊना की  मंडी  में थोक भाव 50 से 60 रुपये प्रति किलो जबकि खुदरा में 80  रुपये प्रति किलो तक प्याज पहुंच गया है। पिछले एक सप्ताह की बात करें तो प्याज के भाव में तीन से चार गुना तक तक तेजी आ गई है। रोजमर्रा की जरूरत वाले प्याज के भावों में आई तेजी के कारण रसोई का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। दिवाली तक नया प्याज की किल्लत के चलते  लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा।

सब्जी मंडी के थोक विक्रेता दीपक व अन्य व्यापारियों का कहना है कि मंडी में प्याज  का दारोमदार नासिक  और फिर हरियाणा व पंजाब के सिर पर टिका है। नासिक में प्याज की फसल खराब होने का असर भी व्यापार पर पड़ रहा है। लोकल प्याज की आमद अन्य विकल्पों की अपेक्षा न  के बराबर है जिससे प्याज की आमद में कमी आई है। महंगा प्याज मंगवाने में गिने चुने विक्रेता ही रुचि दिखा रहे हैं।

क्‍या कहती हैं गृहणियां

  • प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण लोगों की रसोई का बजट डगमगा गया है। गृहिणियों ने प्याज का तड़का लगाने में भी परहेज करना शुरू कर दिया है।  सरकार को प्याज की कालाबाजारी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए तथा कीमतों पर जल्द अंकुश लगाना चाहिए। सोनाली कंग, अम्ब।
  • प्याज के बिना सब्जी का स्वाद फीका हो जाता है। अमीरों पर इसका खास असर नहीं होगा। वे महंगा प्याज खरीद लेंगे पर गरीब व मध्य वर्ग के लोग प्याज की बढ़ रही कीमतों से परेशान हैं। -पूजा, निवासी अम्ब।
  • प्याज की कीमतों में इतना उछाल आया है कि लोग परेशान हैं। प्याज की कीमतें क्यों बढ़ती हैं, इस पर सरकार को सोचना चाहिए। कुदरती मार तो अलग है, परंतु कालाबजारी पर सरकार को सख्त कानूनी कार्रवाई करना चाहिए। -कुसुमलता, धुसाड़ा।
  • सरकार को ऐसे कानून बनाने चाहिए जिससे खाने-पीने वाली वस्तुओं की कीमतों में एकदम उछाल न आए। प्याज हर परिवार की जरूरत है, इससे सब्जियों का स्वाद खत्म हो जाता है। -दामिनी आंगरा।

देसी औषधियों में भी किया जाता है प्रयोग

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर राजेश बताते हैं कि प्याज रसोई में जायके के लिए जरूर प्रयोग में लाया जाता है  परंतु दूसरी ओर इसके अनेक औषधीय गुण भी हैं जिसे वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में उपयोग में लाया जाता है।

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

डॉक्टर राजेश कहते हैं कि अगर लू लगने का खतरा हो तो कच्चे प्याज का सेवन लाभप्रद होता है। अस्थमा में प्याज के रस पांच चम्मच, चुटकी भर हींग, काला नमक और पांच चम्मच  पानी  का मिश्रण बनाकर पीने से बहुत लाभ होता है। पथरी के इलाज के लिए प्याज के रस में चीनी मिलकर लेने से पथरी खत्म होकर पेशाब के जरिये बहार आ जाती है। प्याज वात को कम करता है।


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