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पर्यावरण का संदेश देने के लिए 2800 किलोमीटर पैदल चला कुल्लू का युवक

फोजल पंचायत के धारा गांव के युवक वीरेंद्र ठाकुर ने पर्यावरण का संदेश देने के लिए 2800 किलोमीटर का पैदल सफर पूरा किया। यह पैदल यात्रा युवक ने कुल्लू जिला के डोभी नामक स्थान से शुरू की थी और केरल राज्य के कासर बोर्ड शहर में समाप्त हुई।

By Richa RanaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 01:04 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 01:04 PM (IST)
पर्यावरण का संदेश देने के लिए 2800 किलोमीटर पैदल चला कुल्लू का युवक
वीरेंद्र ठाकुर ने पर्यावरण का संदेश देने के लिए 2800 किलोमीटर का पैदल सफर पूरा किया।

कुल्लू, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की फोजल पंचायत के धारा गांव के युवक वीरेंद्र ठाकुर ने पर्यावरण का संदेश देने के लिए 2800 किलोमीटर का पैदल सफर पूरा किया। यह पैदल यात्रा युवक ने कुल्लू जिला के डोभी नामक स्थान से शुरू की थी और केरल राज्य के कासर बोर्ड शहर में समाप्त हुई।

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युवक के अनुसार यह सफर उन्होंने 48 दिनों में पूरा किया है हालांकि केरल से वापस कुल्लू तक पहुंचने की योजना साइकिल के माध्यम से थी लेकिन केरल कर्नाटक और महाराष्ट्र में मॉनसून शुरू होने के कारण वापसी का सफर स्थगित करना पड़ा। लिहाजा शुक्रवार को युवक कुल्लू पहुंचा। यहां पहुंचे पर युवक का भव्य स्वागत किया।

जिला मुख्यालय कुल्लू पहुंचने पर पोजल पंचायत के प्रधान कहना सिंह सहित बीडीसी सदस्य, वार्ड सदस्य और माता-पिता सहित तमाम ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर युवक का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया है। वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि उनकी इस पैदल यात्रा का मुख्य उद्देश्य कुल्लू जिला और हिमाचल प्रदेश के लोगों को यह संदेश देना था कि वे हिमाचल प्रदेश से बाहर जाने से कतराते हैं।

उन्होंने लोगों को संदेश दिया है कि अपने क्षेत्र और जिला से बाहर निकलने से हम कुछ ना कुछ नया सीखते हैं और इसके साथ ही नेचर की सुरक्षा करने का संदेश भी मुख्य रूप से था। वीरेंद्र ने बताया कि उनके रास्ते में कई बाधाएं आई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आगे बढ़ता गया आखिर मंजिल पार की।

तीन दिन बिस्कुट खाकर गुजारे

लॉकडाउन के कारण वीरेंद्र तीन दिन तक खाने के लिए कुछ नहीं मिला तो उन्होंने जो अपने बैग में बिस्कुट डाल रखे थे उसके सहारे ही तीन दिन बिताए। यह उनके लिए बहुत ही कठिन दौर था। इस दौरान मुझे अपने आप को जिंदा रखना बड़ी चुनौती थी। इसके अलावा जब राजस्थान पहुंचा तो इस दौरान एक मोटरसाइकिल सवार ने मेरा मोबाइल खेलने की कोशिश की लेकिन मैंने मोबाइल जोर से पकड़ रखा था जिस कारण वह मोबाइल नहीं छीन पाया।

इसके साथ ही कर्नाटक राज्य के गांव बहुत ही दूर दूर है और रास्ता जंगल भरा है इस दौरान उन्हें काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा और अपना तंबू डाल कर रात को जंगल में ही काटना पड़ा। जहां मुझे जंगली जानवरों का खतरा था आखिर में यह तमाम बाधाएं पार कर ली और अपना सफर पूरा करने के बाद आज अपने घर कुल्लू पहुंचा है।

आठ राज्यों से होकर की यात्रा

वीरेंद्र ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला से शुरू किया था जो पंजाब, हरियाणा,राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और केरला राज्यों में पूरा किया।

माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं

वीरेंद्र ठाकुर की माता तारा देवी और पिता श्यामलाल ने अपने बेटे का कुल्लू पहुंचने पर फूल मालाओं के साथ स्वागत किया और इस दौरान दोनों खुश नजर आए और उन्होंने अपने बेटे को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। इस दौरान मनाली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेसी नेता भुवनेश्वर गॉड जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार उपाध्यक्ष वीर सिंह ठाकुर सहित कई नेताओं और पर जनप्रतिनिधियों ने भी वीरेंद्र सिंह को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।


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