पौष्टिकता से कोरोना भगाने में जुटा रामानंद ट्रस्ट
केयर सेंटर बैजनाथ -बैजनाथ में बने जिला कांगड़ा के कोविड केयर सेंटर में स्वामी रामानंद ट्रस्ट उपलब्ध करवा रहा भोजन मुनीष दीक्षित बैजनाथ शिव नगरी बैजनाथ में बनाए गए जिला कांगड़ा के कोविड केयर सेंटर में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों को घर से भी बेहतर खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। यहां भर्ती मरीजों को साउथ इंडियन से लेकर उत्तर भारतीय व कांगड़ी व्यजंनों का जायकेदार पौष्टिक आहार मिल रहा है। उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा जा रहा है। यह सब संभव हो
जागरण विशेष
-बैजनाथ स्थित कोविड केयर सेंटर में ट्रस्ट उपलब्ध करवा रहा भोजन
-पीड़ितों को उत्तर भारतीय व कांगड़ी व्यंजन परोसे जा रहे
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मुनीष दीक्षित, बैजनाथ (कांगड़ा)
शिव की नगरी बैजनाथ में बनाए गए जिला कांगड़ा के कोविड केयर सेंटर में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों को घर जैसा पौष्टिक खाना मिल रहा है। यहां पर दक्षिण व उत्तर भारतीय व्यंजन परोसे जा रहे हैं। कांगड़ा के स्थानीय व्यंजन भी मरीजों को दिए जा रहे हैं। यह संभव हो पाया है बैजनाथ प्रशासन और स्वामी रामानंद चैरीटेबल ट्रस्ट संसाल के प्रयास से।
छह मई के बाद पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान बैजनाथ में कोविड केयर सेंटर बनाया। शुरुआत में खाने में कुछ दिक्कत महसूस हुई। इसी बीच 18 मई को स्वामी रामानंद ट्रस्ट ने मरीजों, डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के लिए खाना उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव प्रशासन के समक्ष रखा। प्रशासन की मंजूरी के बाद से यहां पर खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है। तीन समय दिया जा रहा भोजन व पानी
कोविड सेंटर में शुक्रवार दोपहर तक 29 मरीज थे। इनमें से चार स्वस्थ होकर घर भेज दिए गए। इन सभी के लिए भोजन बैजनाथ से करीब सात किलोमीटर दूर संसाल गांव से मुकुटनाथ मंदिर के साथ स्थापित स्वामी रामानंद चैरिटेबल ट्रस्ट से आ रहा है। नाश्ते में उपमा, नारियल की चटनी, चपाती, आलू, फल आदि दिए जाते हैं। कई बार पूरी व भाजी भी दी जाती है। दोपहर को सब्जी, दाल, कढ़ी, चपाती, चावल व सलाद दिया जाता है। शुक्रवार को कांगड़ी धाम परोसी जा रही है। इसमें चावल, सेपू बड़ी, भिडी, दाल व मीठे चावल दिए जाते हैं। रात को शाही पनीर, आलू, शिमला मिर्च, दाल, जीरा राइस, चपाती व सलाद दिया जाता है। साथ ही पानी की बोतल भी दी जाती हैं। भंडारा नहीं लगा सके तो खाना देने का लिया फैसला
संसाल में स्थित स्वामी रामानंद ट्रस्ट ने 18 मई 1996 को भंडारा देने की परंपरा शुरू की थी। स्वामी रामानंद के देहावसान के बाद भी हर साल संसाल में भंडारा लगाया जा रहा है। इस बार कोरोना वायरस के कारण भंडारा नहीं लगा पाया। इसके बाद कोविड केयर सेटर में सेवा करने का फैसला लिया गया। ट्रस्ट गांव के लोगों को मास्क, साबुन व सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवा चुका है।
1970 में महाकाल आए थे स्वामी रामानंद
स्वामी रामानंद वर्ष 1970 में राजस्थान से बैजनाथ के महाकाल आए थे। उनके शिष्य व महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित राम शर्मा बताते हैं कि स्वामी रामानंद 1991 तक महाकाल रहे। उसके बाद वह संसाल में मीरा कुटीर में रहने लगे। नवंबर, 2001 में उनका संसाल में देहावसान हो गया, जहा उनकी समाधि अब भी है। महाकाल में शनिदेव के मेलों की स्वामी रामानंद ने ही शुरुआत की थी।
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प्रशासन व ट्रस्ट की चर्चा के बाद यह व्यवस्था शुरू की है। तीन समय भोजन, पानी आदि उपलब्ध करवाया जा रहा है। हमारी टीम लगातार काम कर रही है।
- राजेश शर्मा, महासचिव स्वामी रामानंद चैरिटेबल ट्रस्ट संसाल। स्वामी रामानंद ट्रस्ट की तरफ से बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। उनके द्वारा पौष्टिक आहार की व्यवस्था की गई है। कृष्णा बेकरी की तरफ से भी मरीजों व डॉक्टरों को शाम को स्नैक्स दिए जा रहे हैं।
- छवि नांटा, एसडीएम, बैजनाथ।
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फोटो 22डीएचए-11
कैप्शन : कांगड़ा जिले के बैजनाथ उपमंडल के तहत संसाल गांव में स्वामी रामानंद चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से तैयार भोजन पैक करते आश्रम से जुड़े स्वयंसेवी। जागरण