वाहनों के दबाव ने मौत की नींद सुला दी मासूम, मां के साथ स्कूल से घर लौट रही थी नर्सरी की छात्रा
Nursery Student Killed शॉर्टकट के चक्कर ने वीरवार को मासूम छात्रा को मौत की नींद सुला दिया।
पालमपुर, जेएनएन। शॉर्टकट के चक्कर ने वीरवार को मासूम छात्रा को मौत की नींद सुला दिया। वीरवार को मां के साथ स्कूल से घर जा रही नर्सरी की छात्रा की कार की टक्कर से उसकी मौत से हर कोई गमगीन है। उपमंडल पालमपुर के घुग्घर-चौकी-मारंडा रोड को वाहन चालक शॉर्टकट के लिए प्रयोग करते हैं। लिहाजा इस सड़क पर वाहनों का भारी दबाव रह रहा है। इस कारण मार्ग पर लंबा जाम लगता है और कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। वीरवार को जिस प्रकार से यहां पर स्कूली छात्रा को वाहन चालक ने टक्कर मारी और उसकी मौत हो गई, उसने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चौकी और घुग्घर के लोगों द्वारा इस मार्ग पर बड़े वाहनों के आवाजाही पर जहां रोक लगाने और उनके लिए समय निर्धारित करने की मांग कई मर्तबा की गई है, वहीं स्कूलों में छुट़्टी के दौरान पुलिस कर्मी की मांग भी यहां पर की है।
मार्ग पर हैं दो निजी व एक सरकारी स्कूल
घुग्घर-चौकी-मारंडा सड़क पर दो निजी और एक सरकारी स्कूल है। इतना ही नहीं पालमपुर व घुग्घर के स्कूलों में छुट्टी होने पर भी इस मार्ग का प्रयोग वाहन चालक शॉर्टकट के लिए करते हैं। मारंडा, ठाकुरद्वारा जाने और पालमपुर की ओर आने के लिए यह छोटा रास्ता है। सुबह और शाम के समय यहां पर बहुत अधिक वाहनों का दबाव रहता है। एशिया मैरिज पैलेस और पूर्व विधायक के आवास के साथ सड़क तंग होने से वाहनों को निकलने के लिए जगह कम बचती है। ऐसे में वाहन चालकों की रफ्तार के कारण स्कूली बच्चों को पैदल लाना और ले जाना अभिभावकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है।
दैनिक जागरण पहले भी उठा चुका है मामला
दैनिक जागरण इस समस्या को प्रशासन के समक्ष पहले भी उठा चुका है। इसके बाद पुलिस ने कुछ समय के लिए यहां गश्त लगाई थी मगर नियमित पुलिसकर्मी नहीं से यहां अक्सर जाम की स्थिति पैदा होती रही है। स्थानीय निवासी साहिल, रजत व राकेश ने कहा कि अब तो बड़ा हादसा यहां हुआ है। प्रशासन को बड़े वाहनों के आने-जाने का समय तय करते हुए यहां पर स्कूलों के समय यातायात पुलिस कर्मचारी की नियमित सेवाएं तय करनी चाहिए।
मासूम का किया गया अंतिम संस्कार
चौकी निवासी राजेश कुमार की मासूम बेटी हर्षिता का अंतिम संस्कार वीरवार को कर दिया गया। मासूम के घर पर परिजनों की आंखें जहां बार-बार लाडली को तलाश रही थीं, वहीं मां की हालत दयनीय बनी है।