विधानसभा में सरकार के बयान से एनपीएस कर्मचारी संघ बिफरा, एक लाख कर्मचारियों से किया गया छल
विधानसभा में पूछे गए विधायक विक्रमादित्य और राजेंद्र राणा के प्रश्न के सरकार के जवाब पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के कांगड़ा जिला प्रधान राजिंद्र मन्हास ने विधानसभा में पूछे गए विधायक विक्रमादित्य और राजेंद्र राणा के प्रश्न के सरकार के जवाब पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि सरकार अगर केंद्र के लाभ भी हिमाचल के एनपीएस कर्मचारियों को प्रदान नहीं कर सकती है तो फिर विधानसभा चुनाव में क्यों पेंशन बहाली के लिए कमेटी फ्रेम करने की बात लिख कर एक लाख कर्मचारियों से छल किया गया। जिला प्रधान ने कहा कि एसोसिएशन अब आंदोलन और तेज करेगी और जरूरी हुआ तो केंद्र से भी इस विषय मे गुहार लगाई जाएगी।
उन्होंने आज सेवा के दौरान अगर एनपीएस कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उस परिवार के आगे दो जून की रोटी का प्रशन खड़ा हो जा रहा है क्योंकि कर्मचारी का एनपीएस का जमा पैसा भी 20 फीसद ही परिवार को मिल रहा है और 80 फीसद राशि का जबरदस्ती पेंशन प्लान उस परिवार को लेने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने विधायक विक्रमादित्य और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा द्वारा विधानसभा में यह मुद्दा उठाने के लिए उनका धन्यवाद किया और आशा प्रकट की विपक्ष यह लाभ दिलाने के लिए हरसंभव कोशिश करेगा।
नौकरी के दौरान मौत पर भी एनपीएस कर्मी के आश्रित को पेंशन नहीं
न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत कवर होने वाले कर्मचारियों की नौकरी के दौरान अगर मौत हो जाए तो सरकार आश्रित को पेंशन की सुविधा नहीं देगी। इसके अलावा कर्मचारी के अपंग होने की हालत में भी उसे पूरी पेंशन नहीं मिलेगी। इस संबंध में कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह और राजेंद्र सिंह राणा के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने बताया कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। जवाब में कहा गया है कि हिमाचल सरकार केंद्र सरकार के सेवा नियमों को स्वत: लागू नहीं करती है। यह प्रदेश के संसाधनों और वित्तीय हालत को ध्यान में रखकर नियम लागू होंगे। सरकार ने एनपीएस के तहत अपने अंशदान में 10 से 14 फीसद तक की बढ़ोतरी की है। इसे पहली अप्रैल 2019 से लागू किया गया।