अब पहाड़ पर पर्यटकों को भटकने का नहीं रहेगा खतरा, इस एप के माध्यम से रखी जाएगी निगरानी
Apna Kangra App पहाड़ में घूमने के शौकीनों के लिए यह अच्छी खबर है। पर्यटकों व ट्रैकरों की सुविधा के लिए जिला कांगड़ा प्रशासन ने अपना कांगड़ा मोबाइल एप विकसित की है। एप में निर्धारित स्थान का मैप होगा।
धर्मशाला, राजेंद्र डोगरा। Apna Kangra App, पहाड़ में घूमने के शौकीनों के लिए यह अच्छी खबर है। पर्यटकों व ट्रैकरों की सुविधा के लिए जिला कांगड़ा प्रशासन ने 'अपना कांगड़ा' मोबाइल एप विकसित की है। एप में निर्धारित स्थान का मैप होगा और इससे पर्यटकों को पता चलता रहेगा कि वे किस रास्ते से जा रहे हैं और वे रास्ता भी नहीं भटकेंगे। उनके साथ किसी भी प्रकार का हादसा होता है तो तुरंत रेस्क्यू टीमों को मौके पर भेजा जा सकेगा। धौलाधार की पहाडिय़ों में आठ ट्रैकिंग रूट काफी जोखिमभरे हैं।
कैसे काम करेगा एप
ट्रैकिंग पर जाने वालों को अपना कांगड़ा एप के जरिये आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय उन्हें जिले में पर्यटन विभाग की एजेंसियों की सूची मिलेगी। यहां पर्यटक किसी एक एजेंसी को चुन सकते हैं। जैसे ही पर्यटक आवेदन करेगा तो संबंधित एजेंसी को बुकिंग मिल जाएगी। एप में आवेदन के बाद पर्यटक खुद बिना एजेंसी की सहायता के भी जा सकते हैं।
विभाग को मिलेगी पर्यटकों की जानकारी
पर्यटकों को चोरी छिपे ले जाने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए एप सहायक बनेगी। एप में पर्यटकों को ट्रैकिंग रूट की जानकारी मिलेगी। इसके अलावा विभाग व प्रशासन के पास यह आंकड़ा भी उपलब्ध हो जाएगा कितने पर्यटक ट्रैकिंग पर गए हैं।
ये हैं मुख्य ट्रैकिंग स्थल
धौलाधार की पहाडिय़ों में आठ ट्रैकिंग रूट जोखिम भरे हैं। इनमें त्रियुंड से ऊपर वाला क्षेत्र, करेरी, हिमानी चामुंडा, बीड़-बिलिंग व बड़ा भंगाल शामिल हैं। इन रूट में पहले कई हादसे हो चुके हैं यही वजह है कि अब नई व्यवस्था पर्यटन विभाग ने की है।
भागसूनाग में स्थापित होगी चेक पोस्ट
अब गलू की तर्ज पर भागसूनाग क्षेत्र में भी चेक पोस्ट स्थापित होगी। इससे चोरी छिपे पर्यटकों को ट्रैकिंग पर ले जाने वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। पर्यटन विभाग के पास कई शिकायतें इस बाबत आई हैं। इसके अलावा अन्य रूट पर भी इस दिशा में काम किया जाएगा।
ट्रैवल एजेंसियों को जारी हुए नोटिस
पर्यटन विभाग के उपनिदेशक कार्यालय ने 2016 के बाद की तमाम ट्रैवल एजेंसियों को नोटिस जारी किए हैं और पंजीकरण का निर्देश दिया है। विभाग भी नहीं जानता है कि वर्तमान में कितनी टै्रवल एजेंसियां हैं। पंजीकरण के बाद विभाग के पास एजेंसियों का आंकड़ा उपलब्ध हो जाएगा।
अवैध तौर पर ट्रैकिंग स्थलों पर पर्यटकों को कोई न ले जाए और उनकी सुरक्षा के मद्देनजर अब केवल पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियों को ही यह अनुमति मिलेगी। अपना कांगड़ा एप के जरिये पर्यटक आवेदन कर सकते हैं। इस सुविधा से पर्यटकों को राहत मिलेगी। आपदा के समय रेस्क्यू टीमें मौके पर भेजी जा सकेंगी।
-विनय धीमान, उपनिदेशक पर्यटन विभाग कांगड़ा